किन जज्बातों को मानू ;
किन अरमानो को जानू ;
क्या नही बदला तुझमे ;
जो तुझे अपना मानू ?
क्या भावों में सत है ;
क्या आखों में तप है ;
क्या बाकी है तुझमे ;
जो तुझे अपना जानू ?
कब यादों को तुने साधा ;
मेरी यादों से है तू भागा;
भुला रोई आखों के वादे भी ;
कैसे तुझे अपना मानू ?
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