नाराज हैं इस बात से की उन्हें हम याद करते हैं ;
क्या बताएं उनकी रंगीन मिजाजी ;
कैसे उनके महफ़िल में ढलकते पल्लू के किस्से ;
कैसे हमें बरबाद करते हैं /
आह हो या हो रुसवाई ;
पास हो या हो तेरी जुदाई ;
तेरी यादों में ही मैंने ,
है अपनी जिंदगी बितायी /
मुझे तेरी है तलाश अब तक ,
मुझमे में है दबी प्यास अब तक ;
तुने भुला दिया कैसे कह दूँ ,
मेरे दिल में है आस अब तक /
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