Sunday, 21 August 2011

गूंगी,बहरी दिल्ली की इस सरकार को

  घर से बाहर  निकलना होगा 
 अन्ना के साथ अब चलना होगा.

 चुप रहने से, बात नहीं बननेवाली 
  पूरी ताकत से  चिल्लाना होगा.

 गूंगी,बहरी  दिल्ली की इस सरकार को 
  इंकलाबी नारों से  जगाना होगा.

सब कुछ बह जायेगा जन सैलाब में,
 जन लोकपाल के बहाने दिखाना होगा.

  गांधी के उन्ही हथियारों से दोस्तों ,
 आजादी का नया बिगुल बजाना होगा.

 एक साथ मिलकर लड़ते हुवे,

भ्रष्टाचार को अब मिटाना होगा.

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