Monday, 8 March 2010

क़त्ल न कर मुझे जरा जी लेने दे ,

क़त्ल न कर मुझे जरा जी लेने दे ,
दिल के जख्मों को जरा सी लेने दे ;
तेरे चेहरे की घटाओं को छू लेने दे ,
तेरी आखों के कतरों को पी लेने दे ;
क़त्ल न कर मुझे जरा जी लेने दे ,
इतनी बेरुखी भी क्या मेरे दिलबर ,
तेरे लबों को जी भर के पी लेने दे ,
दुआ देगा मेरे दिल का हर टुकड़ा तेरी जफ़ाओं को ,
तेरी अदाओं पे मुझे मर लेने दे;
क़त्ल न कर मुझे जरा जी लेने दे ,
तेरी बेवफाई का लुत्फ़ जरा ले लूँ कुछ पल ,
तेरी बिखरी हंसी को जरा सी लेने दे ,
यादों को कुछ पल जी लेने दे ,
कातिल तेरी तकलीफों को पी लेने दे ,
आ तू अपने अरमान हसीन कर ले ,
मेरी चाहों को अतीत कर ले ,
जान निकालना जरा धीमे धीमे ,
तू अपने सपनों को रंगीन कर ले /

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