ONLINE HINDI JOURNAL
Saturday, 27 March 2010
ऐ मोहब्बत
============================
तेरी मोहब्बत के निशा बाकि है ;
आखों
में आंसूं ,
तन्हाई
का कारवां बाकि है ;
भूलूं भी कैसे तेरी मेहरबानियाँ ,
ऐ दर्दे मोहब्बत तेरा बयां बाकि है /
============================
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
उज़्बेकिस्तान के साहित्यकार
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
अमरकांत : संक्षिप्त जीवन वृत्त
कथाकार अमरकांत : संवेदना और शिल्प कथाकार अमरकांत पर शोध प्रबंध अध्याय - 1 क) अमरकांत : संक्षिप्त जीवन वृत्त ...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..