Friday, 19 March 2010

तुझे याद नहीं मै करता ,

तुझे याद नहीं मै करता ,

तू रोज मुझे सपनों में दिखता ;

तुझे याद नहीं मै करता ;

दिन भर उलझा रहता हूँ कामों में ,

थम जाता हूँ राहों में ,

पत्नी बच्चों की आकान्छाओं को ,

पूरा करना है अपनो की आशाओं को ;

सो जाता हूँ इसी उधेड़बुन में ,

और तू आ जाता है ख्वाबों में ;

तुझे याद नहीं मै करता ,

तू रोज मुझे सपनों में मिलता;

वक़्त मिले तो परिवार की उलझन ,

कभी बीमारी कभी पैसों का क्रंदन ;

बहुधा तेरी विधी से चलता हूँ ,

पर याद नहीं तुझे करता हूँ ;

अनजान पलों में नाम तेरा मुंह पे आता है ,

एक पल को हाथ तेरी छाया छू जाता है ;

पर याद नहीं तुझको करता हूँ ;

दिल पे मै पत्थर रखता हूँ ;

तुझे याद नहीं मै करता ,

तू सपनों में मुझपे हँसता ;

तुझे याद नहीं मै करता ,

तू मेरे हर सपनों में रहता ,

तुझे याद नहीं मै करता /

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