तुझे याद नहीं मै करता ,
तू रोज मुझे सपनों में दिखता ;
तुझे याद नहीं मै करता ;
दिन भर उलझा रहता हूँ कामों में ,
थम जाता हूँ राहों में ,
पत्नी बच्चों की आकान्छाओं को ,
पूरा करना है अपनो की आशाओं को ;
सो जाता हूँ इसी उधेड़बुन में ,
और तू आ जाता है ख्वाबों में ;
तुझे याद नहीं मै करता ,
तू रोज मुझे सपनों में मिलता;
वक़्त मिले तो परिवार की उलझन ,
कभी बीमारी कभी पैसों का क्रंदन ;
बहुधा तेरी विधी से चलता हूँ ,
पर याद नहीं तुझे करता हूँ ;
अनजान पलों में नाम तेरा मुंह पे आता है ,
एक पल को हाथ तेरी छाया छू जाता है ;
पर याद नहीं तुझको करता हूँ ;
दिल पे मै पत्थर रखता हूँ ;
तुझे याद नहीं मै करता ,
तू सपनों में मुझपे हँसता ;
तुझे याद नहीं मै करता ,
तू मेरे हर सपनों में रहता ,
तुझे याद नहीं मै करता /
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