पब कल्चर का विरोध अब चुनाव का मुद्दा बन रहा है । वो भी मुंबई और बंगलोर जैसे शहरो के नाम पे । हम तरक्की तो चाहते है लेकिन सडी गली विचार धारा को भी नही छोडना चाहते । जब भारत मे पूजी आती है ,विदेशी आते हैं तो हमे अच्छा लगता है ,लेकिन इनके साथ आने वाली संस्कृति को हम बरदास नही कर पाते ।
ये दो तरफी चाल बड़ी भयानक है । हमे इस पे सोचना ही होगा ।
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ji han manish ji aapne sahi kaha. aik taraf videshiyon se khush hote hain aur doosri taraf unke culture par hangame bhi hote rahte hain.
ReplyDeleteAapne kaha ye gambhita se sochne wali bat hai .....ya na bhi soche to bhi sanskriti to bdal hi rahi hai...!
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