Wednesday, 14 January 2009

कविता संग्रह


मन के सांचे की मिटटी विजय पंडित का नवीनतम काव्य संग्रह है । इस संग्रह की कवितायें अपनेआप मे कई तरह के प्रश्न समाज के सामने खड़ी करती हैं ।
जो लोग काव्य मे सिर्फ शिल्प के हिमायती हैं , उनकी मुह पे तमाचा जड़ने का काम यह कविता संग्रह करता है ।
आप भी इसे अवस्य पढें और अपनी राय दें ।
इस किताब को प्राप्त करने के लिये आप लिखें । मै इसे आप के लिये उपलब्ध करवा दूंगा वो भी मुफ्त, क्योंकि इसका प्रकाशन कार्य मैने ही किया है .

4 comments:

  1. Manish ji sabse pahle pustak ke prakahsan ke lie aapko dhanyavad. main ye lena chahta hun kripya batayen. is ke lie mjhe ksko likhna hoga.
    shamikh.faraz@gmail.com

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  3. आदरणीय डाक्टर साहब
    आप अगर किताब की सराहना कर रहे हैं तो
    अवश्य ही किताब पठनीय होगी !
    मैं इसे पढ़ना चाहूँगा !
    अगर आप इस काव्य-संग्रह को
    उपलब्ध करा दें तो आपकी मेहरबानी !

    सधन्यवाद

    मेरा ई मेल पता है :
    prakashgovind1@gmail.com

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  4. sir
    aapne to abhi tak koyi jawaab hi nahin diya ?

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