मेरे मन की एक अभिलाषा
पलती इसमे है एक आशा
उस आशा मे प्यार भरा
प्यार भरा संसार बसा
नही जरूरत किसी की इसको
इसमे अजब विस्वास भरा
उतना ही यह है गहरा
जितना नभ है तारों भरा
तुम जो हो अभिलाषा -----
और किसी की करूँ क्या आशा \
तुम ---तुम वो जो --------
कहना मुस्किल है ------
कोई क्या कह सके गा तुम्हे ---सिवा की
तुम हो एक आशा -------------------
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
International conference on Raj Kapoor at Tashkent
लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति केंद्र ( भारतीय दूतावास, ताशकंद, उज्बेकिस्तान ) एवं ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज़ ( ताशकं...
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..