मेरी जिंदगानी ने सपने बहुत बुने थे लेकिन ,
तेरी कहानी ने मेरे किस्से नहीं सुने ;
तुझसे तुझको मै चुरा लेता लेकिन ,
तेरी आखों ने मेरे सपने नहीं सुने ;
बाहों में भरना इतना भी मुश्किल न होता लेकिन ,
मैंने झूठे जजबातों के वाकये नहीं बुने /
भगवान कृष्ण ने भगवद्गीता (अध्याय 9, श्लोक 22) में "योग" शब्द के माध्यम से अध्यात्म की परिभाषा दी है। यह श्लोक इस प्रकार है— अनन्य...
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