Thursday, 6 May 2010

झुके कंधे आँखों में आंसू लिए ,

झुके कंधे आँखों में आंसू लिए ,

खड़ा एक कोने में चेहरे पे उदासी लिए ,

इंतजार अब भी है उसको की वो पलट आएगा ,

क्या जानता था वो की उसका प्यार बदल जायेगा /

दबी हुई आशाओं से अब लड़ पड़ता है वो ;

क्या पता था की निराशाओं से ना लड़ पायेगा /

झुके कंधे आँखों में आंसू लिए ,
खड़ा एक कोने में चेहरे पे उदासी लिए ,

उस दिल को कभी मोहब्बत सिखाया था उसने ,

उस हंसी के इश्क से दिल के हर कोने को सजाया था उसने ;

उस गुदाज बदन को कभी भावों से संवारा था उसने ,

क्या जानता था वो अनजान बन यूँ ही निकल जायेगा ,

क्या जानता था उसके दिल में पत्थर भी बसाया था उसने ;

झुके कंधे आँखों में आंसू लिए ,

खड़ा एक कोने में चेहरे पे उदासी लिए /

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