Thursday, 6 May 2010

कुछ यादें कुछ बातें/amerkant

कुछ यादें कुछ बातें :-
      कहानियों एवम् उपन्यासों के अतिरिक्त अमरकांत द्वारा लिखी गयी यह एकमात्र संस्मरणात्मक पुस्तक है। 147 पृष्ठों की इस पुस्तक का प्रकाशन 'राजकमल प्रकाशन प्रा. लि.` द्वारा सन् 2005 में हुआ।
      इस पुस्तक में अमरकांत में कई साक्षात्कारों, समय-समय पर छपे आलेखों एवम् संस्मरणों को संकलित किया गया है। अमरकांत के व्यक्तित्व एवम् साहित्यिक यात्रा को समझने में यह पुस्तक बड़ी ही सहायक है। इसमें अमरकांत के बचपन से लेकर सफल साहित्यकार बनने तक की सारी बातों का बड़े ही रोचक तरीके से वर्णन किया गया है।
      इसके अतिरिक्त रामविलास शर्मा, प्रकाशचन्द गुप्त, अमृतराय, रांगेय राघव, नामवर सिंह, मार्कण्डेय, शेखर जोशी, डॉ. जगदीश गुप्त जैसे कई साहित्यकारों एवम् समीक्षकों से अपनी मुलाकातों का जिक्र अमरकांत ने विस्तार के साथ किया है। साथ ही साथ इनमें से कइयों के साहित्य एवम् विचारधारा के संदर्भ में अपना अभिमत भी अमरकांत ने व्यक्त किया है।
      साहित्य, समाज, राजनीति आदि विषयों पर अमरकांत के विचारों से अवगत होने में यह पुस्तक महत्वपूर्ण है। ऐसे विषयों पर अमरकांत ने कुछ कहने से अक्सर ही अपने को बचाया है। जो कुछ कहा भी है वह कही एक जगह संग्रहित रूप से मिलना मुश्किल था। पर इस पुस्तक ने इस मुश्किल को समाप्त कर दिया।
      समग्र रूप से हम कह सकते हैं कि 'कुछ यादें कुछ बातें` अमरकांत के विचारों एवम् उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में बड़ी उपयोगी है।

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