Friday, 16 October 2009

पग-पग दीप जलाए हम .

        पग-पग  दीप  जलाए  हम       


 पग-पग  दीप  जलाए  हम . 
 सब को अपने गले लगाकर ,
 सब से प्रीत बढायें  हम . 

ज्ञान का दीपक दुनिया में,
 अन्धकार को दूर भगाए ,
 इसीलिए एक ज्ञान कि गंगा,
आओ मिल के बहायें  हम .  

सारी दुनिया  अपना घर,
 सभी  हैं  अपने  भाई-बंधू . 
 घर-घर में  सन्देश यही ,
 आओ मिल के  पहुंचायें  हम . 

आपस के सब बैर  भुला कर,
 स्वर्णिम नया  विहान करे .  
मिल कर एक साथ हम,
 आओ  नई शुरुवात करे .                                                                                

 मानवता के बनकर दूत , 
प्रेम भाव का विगुल बजायें . 
 इस दीवाली  आओ  हम,
 ऐसा कुछ तो  काम करे .  
 

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