पग-पग दीप जलाए हम
पग-पग दीप जलाए हम .
सब को अपने गले लगाकर ,
सब से प्रीत बढायें हम .
ज्ञान का दीपक दुनिया में,
अन्धकार को दूर भगाए ,
इसीलिए एक ज्ञान कि गंगा,
आओ मिल के बहायें हम .
सारी दुनिया अपना घर,
सभी हैं अपने भाई-बंधू .
घर-घर में सन्देश यही ,
आओ मिल के पहुंचायें हम .
आपस के सब बैर भुला कर,
स्वर्णिम नया विहान करे .
मिल कर एक साथ हम,
आओ नई शुरुवात करे .
मानवता के बनकर दूत ,
प्रेम भाव का विगुल बजायें .
इस दीवाली आओ हम,
ऐसा कुछ तो काम करे .
Friday, 16 October 2009
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