मोहब्बत की दूरियों पे ,अपनी मजबूरियों पे ;
नाराज मत हो ,विश्वास कर ,इंकार मत हो /
तकलीफों की मुस्कराहट पे ,मुसीबतों की आहटों पे ;
नाराज मत हो ,विचार कर , तकरार मत हो /
आंसुओं की कोशिश पे ,भावों की कशिश पे ;
नाराज मत हो ,स्वीकार कर ,दुस्वार मत हो /
अपनो के तानो पे ,रिश्तों के बानो पे ;
नाराज मत हो , ख़याल कर उदास मत हो /
प्यार के धोखे पे ; मोहब्बत की उलझनों पे ;
नाराज मत हो , इश्क कर ,बदहवास मत हो /
नसीब की डोरियों पे ,तिरस्कार की बोलियों पे ;
नाराज मत हो ,सम्मान कर , अविश्वास मत हो /
बिखरे सपनों पे , छुटे अपनो पे ;
नाराज मत हो ,आगाज कर , इतिहास मत हो ;
सपने खिल जायेंगे , अपने मिल जायेंगे ;
प्यार भर भावों में ;सहजता ला मुलाकातों में ;
नम्र कर सोचों को ;सब्र भर बातों में ;
हारी बाजी जीतेगा तू ,अहसास ला मुलाकातों में ;
व्यवहार में स्वार्थ मत ला , मन में दुराव मत ला ;
नाराज मत हो ,प्यार कर ,अंहकार मत हो /
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