Sunday, 19 November 2023

तुझे भुलाने की कोशिश में

 तुझे भुलाने की कोशिश में सब याद रह गया

तु मुझमें मुझसे ज्यादा जाने के बाद रह गया।


उसके बिना इश्क का रोज़ा छूटे तो कैसे छूटे 

जाने किस छत मेरी हसरतों का चाँद रह गया।


मोहब्बत करें और बड़े इत्मीनान से रहा करें

अब इस जहां में कौन ऐसा दिलशाद रह गया।


चुप्पियों के टूटते ही कायर कोई भी बचा नहीं 

फिर सामने तो आग में तपा फौलाद रह गया।


बूढ़े मां बाप की आखों से टपकता लहू देख 

वो खुश था बहुत जो कि बे औलाद रह गया।


डॉ मनीष कुमार मिश्रा


 



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