Monday, 25 October 2010

खफा रहते हो

खफा  रहते हो ,
रुसवा करते हो ,
तल्खी जब बढ जाती है
तो अदा कहते हो /


गम से गुरेज नहीं
तब्बसुम से परहेज नहीं
साथ गर मिले तेरा
तो काटों से भी बैर नहीं

1 comment:

Share Your Views on this..

हिन्दी सिनेमा की वैश्विक लोकप्रियता और राज कपूर

 राज कपूर शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केंद्र, भारतीय दूतावास, ताशकंद,उज़्बेकिस्तान एवं ताशकंद स्टेट युनिवर्सिट...