ONLINE HINDI JOURNAL
Tuesday, 12 October 2010
सत्य मृत्यु है चंचल ये जीवन
भक्त भी प्रिय भगवान भी प्रिय ,
ये मिथ्या संसार भी प्रिय ,
प्रियतम तुझको छोडूँ कैसे
मुझको तेरा नकार भी प्रिय
भाव अचल है चंचल है धड़कन
प्यार अटल है चंचल ये बंधन
प्यास न जाती आस न जाती
सत्य मृत्यु है चंचल ये जीवन
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