Tuesday, 28 July 2009

तुझसे प्यार है

तुझसे प्यार है ;

जानता हूँ आपको इनकार है ;

पर तुमसे प्यार है /

धड़कन बडाते हो , जब भी मुस्कराते हो ;

आखों की बातें ,मुस्कराती आखें ;

खिलता चेहरा , ओठ लजराते ;

पर आपको अपने ही भावों से तकरार है ;

तुझसे प्यार है /

नजदीक आते तेरे कदमों का बयां कुछ और है ;

तेरी बातों का शमा कुछ और है ;

आते हो करीब बड़ी हया से ;

बातें करते हो एक अदा से ;

मेरी किसी और से नजदीकी तुझे चुभती है ;

तेरे करीब आयुं नही मंजूर तेरी वफ़ा को ;

तू खुश है अपनी रीती से ;

पर तुझे इनकार है उसमे छिपी किसी प्रिती से

तुझसे प्यार है /

जानता हूँ आपको इनकार है ;
पर तुमसे प्यार है /

1 comment:

  1. इस ख़ूबसूरत, शानदार और लाजवाब रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ !

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