कठनायियाँ ना रोक सकी ;
दृढ़ता के अभावों से थम गया ;
दौड़ सका न चंद कदम ; भावनाओं से थम गया /
दोष नही सपनों का ,द्वेष नही अपनो का ;
परिश्थीतियाँ जीत गई ,अपने कर्मों से थम गया ;
दौड़ सका न चंद कदम ;अपनी धारनावोंसे थम गया /
बच्चों के मुख पे प्रश्न छिपे ;बीबी के मन में मर्म छिपे ;
माँ के ह्रदय में अविश्वास छिपे ;लोंगों के चेहरे पे हास्य छिपे ;
इस हालत में कैसे आया ;क्यूँ राहों में मन ललचाया ?
क्यूँ पग फिसले कठिनाई में ,क्यूँ मन बहका तन्हाई में ?
लड़ न सका जज्बातों से अपने ;
जीत सका न मन को अपने ;
जीती बाजी हार रहा मै ;
क्यूँ हिम्मत हार रहा मै ?
अपने विकारों से थम गया ,अपने अहंकारों से थम गया ;
अपनो के बंधन से थम गया, अपने विचारों से थम गया ;
दौड़ सका ना चंद कदम ,अधूरे धर्मों से थम गया /
दिल के दर्पों से थम गया ;
दौड़ सका ना चंद कदम ,
औरों की खुशियों पे थम गया /
अच्छा है अंदाज़े-बयाँ।
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