Friday, 31 July 2009
तुम मुझे कितना प्यार करते हो ?------------------
तुम मुझे कितना प्यार करते हो ?
सवाल नया नही था,
मगर मैं जानता हूँ की यह सवाल ,
सही मायनों मे सवाल भी नही है ।
दरसल यह एक जवाब है ,
जो सवाल की शक्ल मेंहै ।
यह सवाल अपना जवाब निश्चित कर चुका है ।
यह तो बस मौन की अभिव्यक्ति चाहता है ।
पूरी एकनिष्ठता के साथ,
पूरे समर्पण के साथ,
पूरे विश्वास के साथ ।
इस सवाल का उत्तर नही हो सकता ,
बस इसके बदले मे दिल को खोला जा सकता है,
प्यार को सलाम किया जा सकता है ,
उसे समझा जा सकता है,
और उसे पाया भी जा सकता है।
पाने के लिए खोना होगा,
अपने आप को खोना होगा ,
अपने से जादा किसी और का होना होगा ,
विश्वास पाना ही नही,
विश्वास करना भी होगा ,
किसी का हो कर ,किसी को अपनाना होगा ।
इश्क मे पाना कहा होता है,
बस मिटना होगा,समझना होगा,------------
इसी लिए इस सवाल का कोई जवाब नही है ,
यह सवाल ख़ुद लाजवाब है ,बहुत ख़ास है ----------------------
कितना ? यह तो नाप -जोख का मामला है,
यंहा तो हिसाब की बात है,
यंहा तो व्यापार की बात है ।
प्यार मे लेकी हिसाब कहा ?
यंहा तो सब कुछ बेहिसाब है ।
यंहा सवाल ख़ुद जवाब है,-----लाजवाब है ।
तुम ने यह पूछ के बता दिया की-
तुम्हे मुझसे प्यार है ,
बेहिसाब है ,
मेरी जान ,
मेरा भी वही हाल है ।
हमारा हर सवाल , हमारा प्यार है
पूछते रहना सवाल ,
इसी तरह प्यार वाले ,
प्यार की उम्र बढ़ती रहेगी ।
कभी संतुस्ट मत होना ,
हमेशा पूछते रहना -
तुम मुझे कितना प्यार करते हो ?
Thursday, 30 July 2009
गम नही दूरी का , प्यार की मजबूरी का ;
सूखते भावों का ,अनसुनी आहों का ;
इंतजार करती राहों का ;
व्याकुल मन का , तरसे तन का ;
तेरी कड़वी बातों का ,अनसोयी रातों का ;
तकलीफ है उनकी आवारा हँसी पे ,
औरों संग बंटती खुशी पे ;
प्यार की अपनी प्यास पे ;
अपनी न मरती आस पे ;
तेरे ठहरे कदमों पे , बदलती रस्मों पे ;
झिझकती तमन्नाओं पे ,बदलती कामनाओं पे ;
गम नही तेरी उपेच्छा पे ,
तकलीफ है अपनी कम होती सदिक्षा पे /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
====
( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
====
तेरे बारे में जब भी सोचता हूँ ---------------------------------------
हजारो सवालों को टालता हूँ ।
जानता हूँ बड़ी तकलीफ होगी ,
फ़िर भी इश्क का रोग पालता हूँ ।
मुझे तो हाँथ मे मोती ही चाहिए,
इसी लिए मैं गहरे में डूबता हूँ ।
मैं कभी कहता तो नही लेकिन ,
तेरे लिए मैं भी बहुत तड़पता हूँ ।
आज-कल डरा-डरा सा हूँ क्योंकि,
मैं भी किसी का ख्वाब पालता हूँ ।
जो कहना है लिख देता हूँ क्योंकि,
दिल अपना कंही कँहा खोलता हूँ ।
मेरा भी घर कांच का ही है ,
मैं पत्थरों से बहुत ही डरता हूँ ।
Wednesday, 29 July 2009
वो मनचली ---------------------------------------
निर्णय कर लेने से मेरा मतलब है कि दोनों परिवारों कि सहमती हो तो ही । बस मैंने अपनी इच्छा जाहिर कर दी थी और भावी श्रीमती जी से भी मैने यही करने को कहा ।
हम दोनों ही मध्यमवर्गीय परिवारों से सम्बन्ध रखते हैं , इसलिए नौटंकी के लिए पर्याप्त मसाला तैयार था । किसी को यह बात हजम ही नही हो रही है कि सिर्फ़ ३-४ मुलाकातों के बाद ही शादी का निर्णय कोई कैसे कर सकता है ? अजीबो-गरीब सवालो के जवाब मुझे अपने अपनों और भावी सम्बन्धियों को देने पड़े । ऐसे लोगो कि बातें सुननी पडी जिन्हे मैं ख़ुद से बात करने के भी लायक नही समझता ।
लेकिन ऐसे परम अयोग्य लोगो के साथ पूरी सराफत से पेश आना पड़ा । ख़ुद अपमानित हो कर भी उनका सम्मान बनाए रखना पड़ा । आख़िर मामला दिल का था । अपने से जादा उनका ख्याल रखना था । फ़िर हिन्दोस्तान है , अजीब देश है यह । यंहा इतनी पाक-साफ़ और सात्विक प्रेम कहानी किसी को कैसे हजम हो सकती है ?
लेकिन यह सच है , मेरा सच । यह मैं आप लोगो को इस लिए बता रहा हूँ ताकी कल अगर आप का लड़का-लडकी ,भाई-बहन या कोई भी यह कहे कि उसे २-३ मुलाकातों के बाद ही कोई इस कदर पसंद आ गया है कि वह उसके साथ जिंदगी बिता सकता है , तो उस पे शक मत करना। उसकी भावनावो का सम्मान करना ।
अपनों पर विश्वाश बहुत जरूरी है ,अन्यथा आप उन्हें खो सकते हो । खैर मेरा maamlaa तो patree पे आता दिख रहा है ,आगे क्या होगा bhagwaan जाने------------------------------------------
Tuesday, 28 July 2009
तुझसे प्यार है
तुझसे प्यार है ;
जानता हूँ आपको इनकार है ;
पर तुमसे प्यार है /
धड़कन बडाते हो , जब भी मुस्कराते हो ;
आखों की बातें ,मुस्कराती आखें ;
खिलता चेहरा , ओठ लजराते ;
पर आपको अपने ही भावों से तकरार है ;
तुझसे प्यार है /
नजदीक आते तेरे कदमों का बयां कुछ और है ;
तेरी बातों का शमा कुछ और है ;
आते हो करीब बड़ी हया से ;
बातें करते हो एक अदा से ;
मेरी किसी और से नजदीकी तुझे चुभती है ;
तेरे करीब आयुं नही मंजूर तेरी वफ़ा को ;
तू खुश है अपनी रीती से ;
पर तुझे इनकार है उसमे छिपी किसी प्रिती से
तुझसे प्यार है /
जानता हूँ आपको इनकार है ;
पर तुमसे प्यार है /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
====
( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
====
Sunday, 26 July 2009
आ मुझे प्यार कर /
जो ना हो सका न उसकी फरियाद कर ;
न इस वक्त को ,अपनी अभिव्यक्ति को ;
यूँही बरबाद कर ;
बच्चों का खूब दुलार कर ,
बड़ों के भावों का ध्यान कर ;
इश्वर का तू भान कर ;
वक्त अगर मिल जाए तुझे ,
तेरा मन इतराए अगर ,
अपने अरमानो का मान कर ;
अहसासों का इजहार कर ;
बाँहों में भर कर मुझे प्यार कर ;
आ कभी तो आखों में बसा ;
भावों में सजा ,ह्रदय में छिपा ;
इकरार कर ;
आ मुझे गले का हार कर /
जी भर के मुझे प्यार कर /
आ मुझे प्यार कर /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
====
( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
====
Saturday, 25 July 2009
संत कबीरदास
संत काव्य परम्परा में कबीरदास का स्थान सबसे उच् है । उन्होंने संत सिरोमणि बनकर हिन्दी कविता को नई दिशा प्रदान की । धर्मं को अंधविश्वास और आडम्बर से मुक्त करने का प्रयास किया,और हिंदू मुस्लिम एकता का मार्ग दिखलाया।
अनेक यादें बिखरी हुई हैं
अनेक यादें बिखरी हुई हैं ;
कितनी ही बातें उलझी हुई हैं ;
खुबसूरत वाकयों का हिसाब क्या करें ;
सब तेरी बेतकल्लुफी में सिमटी हुई हैं /
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मोहब्बत और तनहाई से कैसे रूठें ;
अपनो की जुदाई से कैसे रूठें ;
ईश्वर की खुदाई पे कैसे रूठें ;
जीने को कुछ खुशियाँ ,
खुशियों को कुछ भावः लगते हैं ;
मेरी जिंदगी मेरे प्यार ,
तेरी मोहब्बत और बेवफाई पे कैसे रूठें ?
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Tuesday, 21 July 2009
तेरी स्तुति में मन लीन रहे ,
गुरु को समर्पित
तेरी स्तुति में मन लीन रहे ,
तेरी महिमा में तल्लीन रहे ;
तेरी आभा का गुडगान करे ,
हर पल तेरा ध्यान करे ;
तू सर्वज्ञ , तू सर्वदा ,
तू संवाद तू संवेदना ;
तू ही कारन तू ही कर्ता ,
तू ही है सब कर्ता धर्ता ; तू ही सांसे ,
तू ही जीवन ,तू ही है जीवन का प्रकरण ;
तू ही शिव है तू ही शक्ति ,
तू ही है मेरी भक्ती ;
गान करूँ गुडगान करूँ ,हर पल तेरा ध्यान करूँ ;
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Monday, 20 July 2009
प्रकृति का नियम ;
हर चीज का छरण ;
पत्तों का गिरना ;
फूलों का खिलना
नव अंकुरित बीज ;
सूखे पेड़ों की खीज ;
पिघलती बर्फ ;
आदमी का दर्प ;
उजड़ते खलिहान ;
लहलहाते रेगिस्तान ;
मौत पे बिलखना ;
बच्चों का किलकना ;
पत्थरों में भगवान ;
इंसानों में शैतान ;
क्या सच , क्या सपना ;
क्या भाग्य , क्या विडंबना /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Saturday, 18 July 2009
तुम मेरा प्यार हो ;मेरा आधार हो
तुम मेरा प्यार हो ;मेरा आधार हो
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बड़ी खुबसूरत हो ;घटाओं की मुरत हो ;
नदी की गरमी हो , पर्वतों की नरमी हो ;
गुलाब की काया हो , चाँद की माया हो ;
सूरज की शीतलता हो , मन की निर्मलता हो ;
बच्चों का स्वभाव हो , दिल का कयास हो ;
तन की प्यास हो ; मन का अहसास हो ;
बड़ी बेमिशाल हो ,वाकई लाजवाब हो /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Monday, 13 July 2009
उनकी नाराजगी का सबब ढूंढ़ता हूँ ;
अपनी मजबूरी की गरज ढूंढ़ता हूँ ;
हर तरफ़ से जकडा हूँ ,
आज़ादी की डगर ढूंढ़ता हूँ /
मेरी तकलीफें न बड़ा तेरी बेवफाई का असर ढूंढ़ता हूँ ;
जो ना किए तुने उन अहसानों का कर्ज ढूंढ़ता हूँ ;
तेरी उलझी बातों का अर्थ ढूंढ़ता हूँ ;
तू यार है मेरा ;
मेरे दुसमन और तुझमे फर्क ढूंढ़ता हूँ ;
आखों को दिए आंसू दिल को दर्द ,
यकीं है उसपे ;
तुने दी जो खुशियाँ ; उसका तर्क ढूंढ़ता हूँ /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Thursday, 9 July 2009
वर्जनाओं से थम गया ;आशाओं से थम गया ;
कठनायियाँ ना रोक सकी ;
दृढ़ता के अभावों से थम गया ;
दौड़ सका न चंद कदम ; भावनाओं से थम गया /
दोष नही सपनों का ,द्वेष नही अपनो का ;
परिश्थीतियाँ जीत गई ,अपने कर्मों से थम गया ;
दौड़ सका न चंद कदम ;अपनी धारनावोंसे थम गया /
बच्चों के मुख पे प्रश्न छिपे ;बीबी के मन में मर्म छिपे ;
माँ के ह्रदय में अविश्वास छिपे ;लोंगों के चेहरे पे हास्य छिपे ;
इस हालत में कैसे आया ;क्यूँ राहों में मन ललचाया ?
क्यूँ पग फिसले कठिनाई में ,क्यूँ मन बहका तन्हाई में ?
लड़ न सका जज्बातों से अपने ;
जीत सका न मन को अपने ;
जीती बाजी हार रहा मै ;
क्यूँ हिम्मत हार रहा मै ?
अपने विकारों से थम गया ,अपने अहंकारों से थम गया ;
अपनो के बंधन से थम गया, अपने विचारों से थम गया ;
दौड़ सका ना चंद कदम ,अधूरे धर्मों से थम गया /
दिल के दर्पों से थम गया ;
दौड़ सका ना चंद कदम ,
औरों की खुशियों पे थम गया /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Tuesday, 7 July 2009
आदमी हूँ आदमी से प्यार करना -----------------------------
यह खबर क्या आई पूरी की पूरी मीडिया जैसे पागल सी हो गई । आप कोई भी समाचार चैनल खोल कर देख लीजिये ,हर जगह एक ही चर्चा -क्या भारत जैसे देश मे समलैंगिकता को सामजिक मान्यता दी जा सकती है ?
सवाल यह है की इसे अभी स्वीकार ही किसने किया ? कानून का अपना एक अलग नजरिया होता है । वह अपनी जगह सही भी है । अगर दो वयस्क आपस मे समलैंगिक रिश्ता आपसी सहमती से बनाते हैं तो उसे कोई भी लोकतांत्रिक कानून आपराधिक गतिविधि नही मान सकता । इस लिए कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है ।
लेकिन इस बात को पकड़कर मीडिया ने जो निष्कर्ष निकाला वो एक दम हास्यास्पद है । कोर्ट ने समलैंगिकता को आपराधिक कृत्य नही माना है ,पर इसका यह कत्तई अर्थ नही निकालना चाहिये की कोर्ट समलैंगिकता के पक्ष मे खड़ा है ।
जन्हा तक भारतीय समाज का प्रश्न है तो मुझे नही लगता की इस विश्विक सत्य को स्वीकार करने मे भारतीय जनमानस को कोई कष्ट होगा। भारत देश पूरे विश्व मे एक ऐसी बीच की जमीन के रूप मे जाना जाता है जन्हा सभी के लिए स्थान है । विविधता मे एकता यंहा की विशेषता है ।
अब अगर व्यवहारिक रूप मे समलैंगिकता को स्वीकार या अस्वीकार करने की बात करे तो मेरा मानना यह है की इस तेरह के सम्बन्ध भावनात्मक और कुछ हद तक कामुक स्थितियों को ले केर बन तो जरूर सकते हैं,लेकिन ये पारिवारिक इकाई का विकल्प नही बन सकते । और एक स्वस्थ समृद्ध नई पीढी परिवार नामक परम्परागत ढांचे मे ही विकसित हो सकती है ।
Sunday, 5 July 2009
आ गया मानसून
लकिन लगता है अब इसकी जरुरत नही पड़ेगी । उत्तर भारत को अब भी मानसून का इंतजार है ।
आशा है पुरे भारत में भी मानसून जल्द ही आएगा ।
Saturday, 4 July 2009
वक्त का शिकवा कैसा
पानी ले बुलबुलों को थामना क्या ;
ये सब गुजर जाते है,सब बदल जाते हैं ;
कैसे कहोगे की साथ किसका था ;
क्या कहोगे की भाग्य ऐसा था ;
जो गुजर गया उसे बांधना क्या ,
कैसे कहोगे कौन अपना था ?
जिंदगी की हकीकते और सपने सुहाने ;
अपनो की प्रीती और प्यार के अफसाने ;
ये बिखर जाते हैं ;सब बदल जाते हैं /
कैसे कहोगे कौन सपना था ;
क्या कहोगे कौन अपना था ?
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Friday, 3 July 2009
भले आखों में आंसू हो पर वो मुस्कराती रहे ;
सिमटा हो दर्द दिल में पर वो खिलखिलाती रहे /
रक्तिम हो चेहरा बड़े हुए कष्ट से ;
पर हास्य हो मुख पे उस असह्य दर्द पे /
न हो मंजिल का पता , न राहे सुझे,
अँधेरा छाए अपनो के भावों पे ;
ह्रदय मुस्काओं ,ख़ुद को जलावो;
और करो अट्टाहस अपने अभावों पे /
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[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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राहत इंदौरी के 20 चुनिंदा शेर...
राहत इंदौरी के 20 चुनिंदा शेर... 1.तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो 2.गुलाब, ख़्वाब, ...
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