समुच्चय में निबद्ध
श्रेष्ठता के
आदर्शों का बोझ
नैमित्तिक स्तर पर
हमारे
नैतिक इतिहास को
अनुप्राणित करते हुए
बदलता है
शक्ति के
उत्पाद रूप में ।
सत्ता प्रयोजन से
संकुचित
परिवर्तन का लहज़ा
किसी विसम्यकारी
तकनीक से
हमारे सत्ता व ज्ञान सिद्धांत
हमेशा लोगों को
संरचनात्मक स्तर पर
एक लहर में
निगल जाती है
और हम
अपनी संकल्पनाओं से दूर
प्रस्थान करते हैं
जड़ताओं में
जड़ होते हैं ।
................ Dr Manishkumar C. Mishra
श्रेष्ठता के
आदर्शों का बोझ
नैमित्तिक स्तर पर
हमारे
नैतिक इतिहास को
अनुप्राणित करते हुए
बदलता है
शक्ति के
उत्पाद रूप में ।
सत्ता प्रयोजन से
संकुचित
परिवर्तन का लहज़ा
किसी विसम्यकारी
तकनीक से
हमारे सत्ता व ज्ञान सिद्धांत
हमेशा लोगों को
संरचनात्मक स्तर पर
एक लहर में
निगल जाती है
और हम
अपनी संकल्पनाओं से दूर
प्रस्थान करते हैं
जड़ताओं में
जड़ होते हैं ।
................ Dr Manishkumar C. Mishra
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