नवरोज मुबारक ।
नवरोज आया है बहारों की आमद लेकर
सुख समृद्धि और शांति की दावत लेकर ।
प्रकृति सजने लगी अपने वासंती रंग में
नवरोज आया है पैगाम ए मोहब्बत लेकर ।
शफ़्फ़ाक़ियत, ताज़गी व ख़ुश-गवार फ़ज़ा
यह नवरोज आया है ऐसी ही सिफात लेकर ।
रंग ए हसरत में देखो तो कितना असर आया
नवरोज आया है उम्मीदों का ए’तिमाद लेकर ।
बहुत मुबारक हो सभी को ये माह ए नवरोज
मनाओ नवरोज इंसानियत की सौगात लेकर ।
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
विजिटिंग प्रोफेसर ( ICCR हिंदी चेयर)
ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज
ताशकंद, उज़्बेकिस्तान।
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