Tuesday, 26 March 2024

निशालदा : पारंपरिक उज़्बेकी मिष्ठान

 

 

निशालदा : पारंपरिक उज़्बेकी मिष्ठान

 

उज़्बेकिस्तान में रहते हुए मैंने यह लगातार महसूस किया है कि यहाँ जितना लोकप्रिय मांसाहार है, उतना ही मीठे पदार्थ भी । नवरोज़ का समय था अतः सुमालक की धूम थी । यहाँ अन्य पारंपरिक मिष्ठानों में हलवा, परबरदा, पश्मक, खष्टक, ब्रशवुड, शर्बत, उरमा, नवत चीनी, तुलुम्बा, बकलवा  और निशालदा प्रमुख है । इन मिष्ठानों की सबसे खास बात यह है कि इन्हें बनाने या सजा के परोसने के लिए शुद्ध प्राकृतिक पदार्थों का ही उपयोग किया जाता है । अतः ये स्वाद और सेहत दोनों के लिए अच्छा है ।  इसके अतिरिक्त  पेस्ट्री, तंदूर से गर्म केक, बहुत ही मुलायम, कुरकुरा और मुंह में जाते ही तुरंत पिघलने वाला संसा का स्वाद लाजवाब होता है । कोलोबक्स (लोचिरा, कटलामा, बगीरसोक, पाटिर, उरमा ) भी यहाँ विशेष लोकप्रिय है ।

उज़्बेकी भाषा में नाश्ता के लिए “नोनुश्ता” शब्द है। दस्तरखान पर सूखे मेवे, रसीले फलों, शहद या चीनी के साथ चाय, ब्रेड और पारंपरिक मिष्ठानों को सजाकर परोसने की संस्कृति इन्हें इतालवी, फ्रेंच या तुर्की पाक कला के समकक्ष लाकर खड़ा करती है । निशालदा मुख्य रूप से दूध,क्रीम और चीनी से बना मिष्ठान है । दिखने में यह सफ़ेद श्रीखंड की तरह होता है लेकिन श्रीखंड या बनारसी मलईया की तुलना में कहीं अधिक मीठा । इसे बनाने के लिए अंडे की सफेदी, मुलेठी की जड़ के टुकड़े, चीनी, पानी और साइट्रिक एसिड का मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है ।








अंडे की सफेदी को जर्दी से बहुत सावधानी से अलग करने की जरूरत होती है ताकि उन्हें ठीक से फेटा जा सके । इसके लिए आप बड़े धातु के पैन या बाल्टी का उपयोग कर सकते हैं। दूसरे बर्तन में मुलेठी की जड़ को पीसकर उसमें थोड़ी मात्रा में पानी डालकर लगभग 20 मिनट तक धीमी आंच पर पकाया जाता है । इसके बाद उसे ठंडा करके छान लिया जाता है । फ़िरअंडे की सफेदी जो की लगातार फेटने से गाढ़े क्रीम के रूप में बदल जाता है, उसके ऊपर मुलैठी की जड़ वाला ठंडा तरल अर्क धीरे धीरे डालते हुए फेटा जाता है । फ़िर किसी दूसरे बर्तन में ठंडे पानी में चीनी और साइट्रिक एसिड मिलाकर धीमी आंच पर रख दिया जाता है । इसे लगभग 20 मिनट तक लगातार हिलाते हुए पकाया जाता है । जब चाशनी तैयार हो जाए तो आंच बंद कर उसे ठंडा किया जाता है । फ़िर अंडे के गाढ़े हो चुके क्रीम को लगातार फेटते हुए उसमें यह चासनी मिला दी जाती है । इस तरह तैयार निशालदा मिठाई को एक कटोरे में भरकर फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है । 15-20 मिनट के लिए ठंडा करने के बाद निशालदा खाने के लिए तैयार हो जाता है । इसे उज़्बेक ब्रेड के स्लाइस और हरी चाय के साथ परोसा जाता है ।

उज़्बेकी पारंपरिक मिष्ठानों में निशालदा अपनी खास अहमियत रखता है । यह उज़्बेकी पाक कला, संस्कृति और प्रेम भावपूर्ण मेहमान नवाज़ी का सैकड़ों वर्षों पुराना जायका है ।

 

डॉ मनीष कुमार मिश्रा

विजिटिंग प्रोफ़ेसर ( ICCR हिन्दी चेयर )

ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज़

ताशकंद, उज्बेकिस्तान

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..

What should be included in traning programs of Abroad Hindi Teachers

  Cultural sensitivity and intercultural communication Syllabus design (Beginner, Intermediate, Advanced) Integrating grammar, vocabulary, a...