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बनारस
साधारण तरीके का
असाधारण शहर है ।
यहाँ रहना
रहकर रमना
और रमकर बसना
इसे अनुभूत करने के
लिये जरूरी है ।
बनारसीपना
एक जीवन शैली है
जिसे जानने के लिए
इसका हिस्सा होना
होगा
इसे जीना होगा ।
बनारस
अनुभूति का विषय है
अध्ययन से कंही
अधिक
स्वाध्याय का ।
यह एक टकसाल है
व्यक्ति चित्त के
चैतन्य का
आनंद के मर्म का
धर्म के दर्शन का
इन सबसे अधिक
जीवन के प्रति
सकारात्मक
संकल्प शक्ति का ।
यह जीवन शक्ति की
आराधना का केंद्र
है ।
यह बनारस
सहस्त्रों
शताब्दियों से
यूँ ही पूज्यनीय
नहीं रहा
इसने संजोये रखा है
आज भी
परा अपरा के बीच
कर्म की
उत्सवधर्मिता को ।
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