वह क्या है हरा-हरा-सा जिसके आगे
हैं उलझ गए जीने के सारे धागे
-----केदारनाथ सिंह
✦ शोध आलेख “ताशकंद – एक शहर रहमतों का” : सांस्कृतिक संवाद और काव्य-दृष्टि का आलोचनात्मक अध्ययन लेखक : डॉ. मनीष कुमार मिश्र समीक्षक : डॉ शमा ...
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