वह क्या है हरा-हरा-सा जिसके आगे
हैं उलझ गए जीने के सारे धागे
-----केदारनाथ सिंह
लास्लो क्रास्नाहोर्काई : 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेता हंगेरियाई लेखक बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में जब विश्व साहित्य ने उत्तर-आधुनिक य...
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