डॉ.बालकवि सुरंजे द्वारा लिखी गई यह प्रथम पुस्तक हाल ही मे प्रकाशित हुई .इस पुस्तक को पढ़ने के बाद इस बात का अंदाजा सहज ही हो जाता है की लेखक ने इस पुस्तक को लिखने मे जी-तोड़ मेहनत की है । साथ ही साथ मराठी और हिन्दी दोनों भाषावो पर उनका समान अधिकार है । कबीर हिन्दी साहित्य के बहूत बडे कवि हैं , तुकाराम भी संत परम्परा के मध्यकालीन कवि हैं ,महाराष्ट्र से । इन दोनों के साहित्य मे जो समानता रही है उसे ही सामने लाने का प्रयास लेखक ने किया है ।
यह पुस्तक लेखक का शोध -प्रबंध रहा है ,इस कारण कुछ स्थानों पर विस्तार अधिक दिखाई पड़ता है .लेकिन कुल मिलाकर पुस्तक पठनीय और संग्रहणीय है .पुस्तक पाप्ति के लिये लेखक से निम्नलिखित पते पर संपर्क किया जा सकता है
डॉ.बालकवि सुरंजे
अध्यक्ष-हिन्दी विभाग
बिरला महाविद्यालय
कल्याण -पश्चिम ४२१३०१
महाराष्ट्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित
डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
कथाकार अमरकांत : संवेदना और शिल्प कथाकार अमरकांत पर शोध प्रबंध अध्याय - 1 क) अमरकांत : संक्षिप्त जीवन वृत्त ...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..