दिल कह रहा पुकार लूँ तुझको
रेशमी बालों को सँवार दूँ फिर से
अहसास कहे है तेरी तनहाई
मौसम ने ली है फिर अंगडाई
ह्रदय भ्रमित है किस राह को जावे
क्या कर दे की प्यार को पावे
साँस रुकी है पल स्थिर है
नम आखें और ह्रदय व्यथित है
क्या कहूँ मै तुझको या चुप बैठूं
थामू मै धड़कन या सपनों को बहकूँ
निहार रहा बंद आखों से तुझको
आंख खोल क्या मै तुझको देखूं
दुविधा है फैली चहुँ ओर
किस बंधन से बंधी है डोर
चाह ना छोड़े अपनी आशा
तू ना बदले अपनी भाषा
राह चल रही औ मै स्थिर हूँ
भाव तेरा फिर भी काफ़िर हूँ ?
दिल कह रहा पुकार लूँ तुझको
रेशमी बालों को सँवार दूँ फिर से
Friday 8 October 2010
Tuesday 5 October 2010
बहक जाये गर तमन्ना तेरी आगे बढकर गले लगा लेना
unशिकायत हो तो कह देना
अरमानो की बगावत हो तो कह देना
अदावतों से डरते नहीं सपने कभी
दिल में चाहत हो तो कह देना
.
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मोहब्बत में इंतजार भी मजा देता है
दूरियों का करार भी मजा देता है
पास आने को दिल झिझकता है कभी
मिलने को मचलता हो दिल तो कह देना
.
.
मेरी मोहब्बत से हो नफ़रत तो बड़ा लेना
मेरी चाहत से हो अदावत तो बचा लेना
जीत लूँगा हर अड़चन को अपनी मोहब्बत से
बहके तमन्ना तो कह देना
अरमानो की बगावत हो तो कह देना
अदावतों से डरते नहीं सपने कभी
दिल में चाहत हो तो कह देना
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मोहब्बत में इंतजार भी मजा देता है
दूरियों का करार भी मजा देता है
पास आने को दिल झिझकता है कभी
मिलने को मचलता हो दिल तो कह देना
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मेरी मोहब्बत से हो नफ़रत तो बड़ा लेना
मेरी चाहत से हो अदावत तो बचा लेना
जीत लूँगा हर अड़चन को अपनी मोहब्बत से
बहके तमन्ना तो कह देना
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