Thursday, 11 November 2021

कुछ और पीला होकर

 




कुछ और पीला होकर शाख से जुदा हो जाऊंगा

फिर क्या कि हवाओं के साथ मैं हवा हो जाऊंगा ।


मेरे लिखे इन शब्दों से एक जादू तो यकीनन होगा 

इन्हें जब भी कहीं पढ़ा जायेगा मैं ज़िंदा हो जाऊंगा ।


हर गलती पर यही झूठी तसल्ली खुद को देता रहा 

कि बस कल से ही ख़ुदा का नेक बंदा हो जाऊंगा ।


चिलाकशी करनेवाला वो पीर भी कितना अजीब था 

कहता कि खुदा से मिलकर मैं भी खुदा हो जाऊंगा ।


                      Dr Manish Kumar Mishra

                  manishmuntazir@gmail.com






No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..

डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित

 डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित  दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...