अगर आप महाराष्ट्र के पुणे शहर में हैं और आप अच्छी किताबों के शौकीन हैं तो आप को पुणे के किताब बाज़ार
अप्पा बलवंत चौक ( A. B . C .) में आप की सभी जरूरतें पूरी हो सकती है । ऐतिहासिक शनिवारवाडा और दगड़ू सेठ हलवाई के प्रसिद्ध गणेश मंदिर के पास यह चौराहा किताबों का ही बाजार है । सड़क के दोनों तरफ सिर्फ किताबों की ही दुकाने दिखाई देती हैं ।
पिछले दिनों महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ अनिता मन्ना मैडम और उप प्राचार्या डॉ रत्ना निंबाल्कर जी के साथ पुणे के इस ऐतिहासिक स्थल पे जाने का अवसर मुझे मिला ।
यू . जी . सी . रीज़नल आफ़िस में अपना काम खत्म कर हम लोग महाविद्यालय के पुस्तकालय के लिए किताबों का ऑर्डर देने के लिए हम अप्पा बलवंत चौक पहुँच गए । वहाँ कई बड़ी - बड़ी किताबों की दुकानों को देखने का अवसर मिला । किताबों के बीच खुद को पाकर बहुत अच्छा लगा ।
अप्पा बलवंत चौक ( A. B . C .) में आप की सभी जरूरतें पूरी हो सकती है । ऐतिहासिक शनिवारवाडा और दगड़ू सेठ हलवाई के प्रसिद्ध गणेश मंदिर के पास यह चौराहा किताबों का ही बाजार है । सड़क के दोनों तरफ सिर्फ किताबों की ही दुकाने दिखाई देती हैं ।
पिछले दिनों महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ अनिता मन्ना मैडम और उप प्राचार्या डॉ रत्ना निंबाल्कर जी के साथ पुणे के इस ऐतिहासिक स्थल पे जाने का अवसर मुझे मिला ।
यू . जी . सी . रीज़नल आफ़िस में अपना काम खत्म कर हम लोग महाविद्यालय के पुस्तकालय के लिए किताबों का ऑर्डर देने के लिए हम अप्पा बलवंत चौक पहुँच गए । वहाँ कई बड़ी - बड़ी किताबों की दुकानों को देखने का अवसर मिला । किताबों के बीच खुद को पाकर बहुत अच्छा लगा ।
किताबें खरीदने के बाद हम श्री गणेश जी के दर्शन के लिए गए । मंदिर में हुमे गणेश जी की आरती का भी लाभ मिला । वहाँ दर्शन के बाद हम कल्याण के लिए निकल पड़े । लोनावला में हमने दोपहर का भोजन किया और वहाँ की मशहूर चिक्की खरीदी और फिर पुणे एक्सप्रेस हाईवे से कल्याण की ओर बढ़ चले । शाम करीब 6.30 बजे हम कल्याण वापस आ गए लेकिन पुणे का पुस्तक बाजार हमेशा याद रहेगा ।
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