खुशियों को दामन में भींचा किये हम ,
गमो को यूँ हर पल सींचा किये हम ;
तन्हाइयों से बेचैन गमो में नैन ,
पर अहसासों भरे सपने देखा किये हम ;
मजबूरियों की दास्ताने देखी ,
भावनाओं की शाने देखी ,
महका हुआ सावन खिला हुआ चमन
दिले आरजू तेरे अर्थियों की बाराते देखी /
खुशियों को दामन में भींचा किये हम ,
गमो को यूँ हर पल सींचा किये हम ;
गमो को यूँ हर पल सींचा किये हम ;
तन्हाइयों से बेचैन गमो में नैन ,
पर अहसासों भरे सपने देखा किये हम ;
मजबूरियों की दास्ताने देखी ,
भावनाओं की शाने देखी ,
महका हुआ सावन खिला हुआ चमन
दिले आरजू तेरे अर्थियों की बाराते देखी /
खुशियों को दामन में भींचा किये हम ,
गमो को यूँ हर पल सींचा किये हम ;
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