Wednesday, 20 April 2011

तेरा शहर बहुत याद आता है

तेरा शहर बहुत याद आता है
 दिल तेरी ही यादों में चैन पाता है .

 वो शमा जिससे रोशन थी जिन्दगी,
 परवाना उसी में जल जाना चाहता है.

अपनी आदतों से परेशान हूँ यारों,
दिल ता उम्र आवारगी चाहता है .


No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..