तेरा शहर बहुत याद आता है
दिल तेरी ही यादों में चैन पाता है .
वो शमा जिससे रोशन थी जिन्दगी,
परवाना उसी में जल जाना चाहता है.
अपनी आदतों से परेशान हूँ यारों,
दिल ता उम्र आवारगी चाहता है .
अमरकांत : जन्म शताब्दी वर्ष डॉ. मनीष कुमार मिश्रा प्रभारी – हिन्दी विभाग के एम अग्रवाल कॉलेज , कल्याण पश्चिम महार...
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