ONLINE HINDI JOURNAL
Monday, 4 April 2011
अभिलाषा ५०१ :-
अभिलाषा ५०१ :-
जब -जब चिकनी राह मिली ,
तब-तब मैं तो गया फिसल.
तुझ से मिलना जब से हुआ,
हुआ प्यार तो तभी प्रिये.
1 comment:
विमलेश त्रिपाठी
6 April 2011 at 17:11
बढिया...अच्छा लगा आपके व्लॉग पर आकर...
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Share Your Views on this..
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
उज़्बेकिस्तान के साहित्यकार
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
अमरकांत : संक्षिप्त जीवन वृत्त
कथाकार अमरकांत : संवेदना और शिल्प कथाकार अमरकांत पर शोध प्रबंध अध्याय - 1 क) अमरकांत : संक्षिप्त जीवन वृत्त ...
बढिया...अच्छा लगा आपके व्लॉग पर आकर...
ReplyDelete