मुंबई मे नए आने वाले कई ऐसे लोग हैं जो अक्सर इस परेसानी से जूझते हैं की
मुंबई मे हिन्दी की साहित्यिक किताबे कंहा मिलेंगी ?
अगर आप भी यही जानना चाहते है तो आप के लिए कुछ पते दे रहा हूँ ।
१-परिदृश्य प्रकाशन -
दादों जी संतुक लेन ,
धोबी तालाब,नरीमन पॉइंट पे यह प्रकाशन स्थल है।
यंहा आप को हिन्दी की सभी किताबे मिल सकती है ।
यंहा का नम्बर-०२२२२०६८०४०
०२२६४५२६०७२ है ।
श्री रमन मिश्रा जी यंहा का कार-भार देखते हैं।
मेट्रो सिनेमा से दाहिनी तरफ़,पारसी आग्यारी के पास यह जगह है ।
ऐसी ही दूसरे बुक स्टाल के पते आप http://http://mumbai.justdial.com/book-shops_charni-road_Mumbai.html इस लिंक से प्राप्त कर सकते हैं।
Thursday, 20 August 2009
Wednesday, 19 August 2009
अभिलाषा 17
शव यात्रा मेरी जब निकले ,
तब राम नाम की सत्य ना कहना ।
प्रेम को कहना अन्तिम सच ,
प्रेमी कहना मुझे प्रिये ।
अभिलाषा
दिल पे अंधेरे का डर सा है /
दिल पे
अंधेरे का डर सा है ;

ख्वाबों में भी उजाला कम सा है ;
उलझन नही है उससे दुरी की ;
मोहब्बत का नशा भी कम सा है /
ह्रदय की गहराईयों में एक चुभन सी है ;
मन की उचाईयों में हँसी नम सी है ;
भरोसा कैसे न करे अपनी मोहब्बत पे ;
उसके न होने पे ये मुस्कराहट भी गम सी है /
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मोहब्बत,
हिन्दी कविता hindi poetry

Sunday, 16 August 2009
वक्त इंतजार नही करता ,
वक्त इंतजार नही करता ,
किसी से करार नही करता ;
वो मिलाएगा चंद कदम तेरे कदमों से ,
पर वो किसी के साथ नही चलता ;
किसी से करार नही करता ;
वो मिलाएगा चंद कदम तेरे कदमों से ,
पर वो किसी के साथ नही चलता ;
गुजरते लम्हों संग रास्ता तय कर सके गर तुम ,
कुछ खोये लम्हों का वो हिसाब नही करता ;
समय के साथ चल सके अगर तुम ,
वो जिंदगी कभी बदहवास नही करता ;
वक्त इन्तजार नही करता ;
किसी से करार नही करता /
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हिन्दी कविता [भावः]

अभिलाषा-१४

बीच जवानी बचपन में,
हम दोनों फ़िर जो जा पाते ।
तो गुड्डे -गुडियों के जैसे,
रचा ब्याह हम लेते प्रिये ।
---------------------------------अभिलाषा
फोटो लिंक ----------
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हिन्दी कविता hindi poetry
अभिलाषा-१३
अनजानी सी राह में कोई,
हम दोनों यदि फ़िर मिल जाएँ,
नजरे झुका कर अपनी तुम,
कर लेना मुझे स्वीकार प्रिये ।
--------------------अभिलाषा
हम दोनों यदि फ़िर मिल जाएँ,
नजरे झुका कर अपनी तुम,
कर लेना मुझे स्वीकार प्रिये ।
--------------------अभिलाषा
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हिन्दी कविता hindi poetry
अभिलाषा १२

सब कहते हैं प्रेम करो,
पर प्रेम बड़ा ही मुश्किल है ।
प्रेम सदा देना ही देना ,
लेना इसमे कुछ ना प्रिये ।
---------------------------------------------अभिलाषा
फोटो लिंक-http://http://www.kaemmerling.com/blog/files/admin_ib03.jpg
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अभिलाषा १२,
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