Second addition of IPL was successful very very successful at that but the closing ceremony was complete spoiler of sort .Why I am saying that ?
It was a great opportunity for BBCI and managing committee of IPL to show Indian culture and Indian artist on International platform . Isn`t it a Indian tournament ?
Indian DJ also could have done English songs yes given that it was held in South Africa some of the local artist should also have been used .But what Mr. Flamboyant Modi did was a complete dampener .His heart is not in right place I presume but we have to know it before when he shifted it to south Africa .
Second thing worth mention is Otha ceremony of Ministers by president .Only two Minister
took oath in Hindi Mr. Sharad pawar and Mr. Kamal Nath why?
Lets assume that few of them are not fluent in Hindi but isn``t being cabinet Minister from at lest 5 years as most of them were they should have learn ed Hindi and what about other ministers who speaks Hindi well but still preferred English why?
Why didn`t they took lesson from Mrs. Sonia Gandhi who learn ed Hindi or it is of no importance for a cabinet minister to know our Raj Bhasa ? Where these people are leading us and Why there in no hue and cry in any news paper or in electronic media ?Yes many of them could have taken oath in there mother tongue but why in English ? Did we need such politician in our midst who don`t respect there country or who`s heart is not at right places?
Monday, 25 May 2009
LAST WEEK
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Sunday, 24 May 2009
कौन है अपना कौन पराया
कौन है अपना कौन पराया
कैसा है मन भरमाया ;
क्या उसकी आखों में सच था ,
क्या उसकी बातों में सच था ?
क्या उसने चाहा था मुझसे ,
क्या उसने chahaa था मुझको ?
उसके नयनो में सच था देखा ,
उस चेहरे में तप था देखा ;
बातों में अच्छाई थी पाई ,
मन की गहराई थी पाई ;
कौन है अपना कौन पराया ?
कैसा है मन भरमाया /
उष्मा थी उसके स्पर्शों में ,
गरिमा थी उसके तन मन में ;
एक अनोखी अनुभूति mai पाता ,
कैसा मन chanchal ho jata ,
कौन है अपना कौन पराया
कैसा है मन भरमाया ;
क्या उसकी आखों में सच था ,
क्या उसकी बातों में सच था ?
ह नहीं सकते जब मन कहेगा चले आयेंगे
कैसा है मन भरमाया ;
क्या उसकी आखों में सच था ,
क्या उसकी बातों में सच था ?
क्या उसने चाहा था मुझसे ,
क्या उसने chahaa था मुझको ?
उसके नयनो में सच था देखा ,
उस चेहरे में तप था देखा ;
बातों में अच्छाई थी पाई ,
मन की गहराई थी पाई ;
कौन है अपना कौन पराया ?
कैसा है मन भरमाया /
उष्मा थी उसके स्पर्शों में ,
गरिमा थी उसके तन मन में ;
एक अनोखी अनुभूति mai पाता ,
कैसा मन chanchal ho jata ,
कौन है अपना कौन पराया
कैसा है मन भरमाया ;
क्या उसकी आखों में सच था ,
क्या उसकी बातों में सच था ?
ह नहीं सकते जब मन कहेगा चले आयेंगे
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हिन्दी कविता hindi poetry

Friday, 22 May 2009
कभी इकरार करता है
कभी इकरार करता है ,
कभी इनकार करता है ;
कभी खिलता कँवल है ,
कभी अनपढ़ी गजल है ;
कहीं अधुरा सच है तू ,
कहीं पूरा तप है तू ;
कहीं विस्वास है तू ,
कहीं खोयी आस है तू ;
कहीं बंधन में जकडा है ,
कहीं बस यूँ ही अकडा है ;
चेहरे की मुस्कान है तू ,
आंसुवो की जान है तू /
कभी इनकार करता है ;
कभी खिलता कँवल है ,
कभी अनपढ़ी गजल है ;
कहीं अधुरा सच है तू ,
कहीं पूरा तप है तू ;
कहीं विस्वास है तू ,
कहीं खोयी आस है तू ;
कहीं बंधन में जकडा है ,
कहीं बस यूँ ही अकडा है ;
चेहरे की मुस्कान है तू ,
आंसुवो की जान है तू /

बड़ी बड़ी बातों से मर्म नही बनता
बड़ी बड़ी बातों से मर्म नही बनता ,
अन सुलझे कामों से कर्म नही बनता ;
संदेह नही तेरी बुद्धिमत्ता पे यार मेरे ,
बड़ा बुद्धिमान ही है बार बार गिरता /
अन सुलझे कामों से कर्म नही बनता ;
संदेह नही तेरी बुद्धिमत्ता पे यार मेरे ,
बड़ा बुद्धिमान ही है बार बार गिरता /
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Thursday, 21 May 2009
इश्क के नाम पर------------------------------
अजीब सा उसका मिजाज है ,
मोहबत्त को कहता नमाज है ।
इश्क के नाम पर खफा हैं लोग यंहा
मेरे आस-पास यह कैसा समाज है ।
भाती है,मगर मीठी आंच है यह,
इस प्यार का यही अंदाज है ।
बदन तक तो ठीक है लेकिन,
हमारे आचरण पर भी लिबाज है ।
वो चुप है,मगर कमजोर नही है,
उसे शायद आप का लिहाज है ।
मोहबत्त को कहता नमाज है ।
इश्क के नाम पर खफा हैं लोग यंहा
मेरे आस-पास यह कैसा समाज है ।
भाती है,मगर मीठी आंच है यह,
इस प्यार का यही अंदाज है ।
बदन तक तो ठीक है लेकिन,
हमारे आचरण पर भी लिबाज है ।
वो चुप है,मगर कमजोर नही है,
उसे शायद आप का लिहाज है ।
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Wednesday, 20 May 2009
पास तुम नही तुम्हारी यादें है -------------------------
पास तुम नही तुम्हारी यादें हैं
यंही-कंही बिखरे तेरे वादे हैं ।
सभी रिश्ते बढ़ा रहे हैं मुझसे ,
जाने कैसी बिछा रहे बिसादे हैं ।
जब से तुम्हे चाहने लगा हूँ मै,
ajeeb say uth rehay iraadey hain .
meri apni koi ichha hi nahi ,
hum to shatranj kay maamooli pyaade hain .
unhay sab kuchh mila hai bana-banaya,
jo kahlaatay duniya may sahjaade hai .
यंही-कंही बिखरे तेरे वादे हैं ।
सभी रिश्ते बढ़ा रहे हैं मुझसे ,
जाने कैसी बिछा रहे बिसादे हैं ।
जब से तुम्हे चाहने लगा हूँ मै,
ajeeb say uth rehay iraadey hain .
meri apni koi ichha hi nahi ,
hum to shatranj kay maamooli pyaade hain .
unhay sab kuchh mila hai bana-banaya,
jo kahlaatay duniya may sahjaade hai .
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Monday, 18 May 2009
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
अभी तो आखें चमकी , अभी तो सांसे बहकी ;
अभी ही अँधेरा छाया, अभी ही तेरे घर से निकला कोई साया ;
अभी तो तु खुल के खिलखिलाया है ,
अभी ही तुने मेरा सपना बिखराया है ;
कदम की लडखडाहट,
तेरे जाने की आहट;
गलें की तल्खियाँ मिटाने दे ;
भावनावों को सिमट जाने दे /
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
अभी तो आखें चमकी , अभी तो सांसे बहकी ;
अभी ही अँधेरा छाया, अभी ही तेरे घर से निकला कोई साया ;
अभी तो तु खुल के खिलखिलाया है ,
अभी ही तुने मेरा सपना बिखराया है ;
कदम की लडखडाहट,
तेरे जाने की आहट;
गलें की तल्खियाँ मिटाने दे ;
भावनावों को सिमट जाने दे /
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
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