कौन है अपना कौन पराया
कैसा है मन भरमाया ;
क्या उसकी आखों में सच था ,
क्या उसकी बातों में सच था ?
क्या उसने चाहा था मुझसे ,
क्या उसने chahaa था मुझको ?
उसके नयनो में सच था देखा ,
उस चेहरे में तप था देखा ;
बातों में अच्छाई थी पाई ,
मन की गहराई थी पाई ;
कौन है अपना कौन पराया ?
कैसा है मन भरमाया /
उष्मा थी उसके स्पर्शों में ,
गरिमा थी उसके तन मन में ;
एक अनोखी अनुभूति mai पाता ,
कैसा मन chanchal ho jata ,
कौन है अपना कौन पराया
कैसा है मन भरमाया ;
क्या उसकी आखों में सच था ,
क्या उसकी बातों में सच था ?
ह नहीं सकते जब मन कहेगा चले आयेंगे
Sunday, 24 May 2009
कौन है अपना कौन पराया
Labels:
हिन्दी कविता hindi poetry
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
====
( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
====
Friday, 22 May 2009
कभी इकरार करता है
कभी इकरार करता है ,
कभी इनकार करता है ;
कभी खिलता कँवल है ,
कभी अनपढ़ी गजल है ;
कहीं अधुरा सच है तू ,
कहीं पूरा तप है तू ;
कहीं विस्वास है तू ,
कहीं खोयी आस है तू ;
कहीं बंधन में जकडा है ,
कहीं बस यूँ ही अकडा है ;
चेहरे की मुस्कान है तू ,
आंसुवो की जान है तू /
कभी इनकार करता है ;
कभी खिलता कँवल है ,
कभी अनपढ़ी गजल है ;
कहीं अधुरा सच है तू ,
कहीं पूरा तप है तू ;
कहीं विस्वास है तू ,
कहीं खोयी आस है तू ;
कहीं बंधन में जकडा है ,
कहीं बस यूँ ही अकडा है ;
चेहरे की मुस्कान है तू ,
आंसुवो की जान है तू /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
====
( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
====
बड़ी बड़ी बातों से मर्म नही बनता
बड़ी बड़ी बातों से मर्म नही बनता ,
अन सुलझे कामों से कर्म नही बनता ;
संदेह नही तेरी बुद्धिमत्ता पे यार मेरे ,
बड़ा बुद्धिमान ही है बार बार गिरता /
अन सुलझे कामों से कर्म नही बनता ;
संदेह नही तेरी बुद्धिमत्ता पे यार मेरे ,
बड़ा बुद्धिमान ही है बार बार गिरता /
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[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Thursday, 21 May 2009
इश्क के नाम पर------------------------------
अजीब सा उसका मिजाज है ,
मोहबत्त को कहता नमाज है ।
इश्क के नाम पर खफा हैं लोग यंहा
मेरे आस-पास यह कैसा समाज है ।
भाती है,मगर मीठी आंच है यह,
इस प्यार का यही अंदाज है ।
बदन तक तो ठीक है लेकिन,
हमारे आचरण पर भी लिबाज है ।
वो चुप है,मगर कमजोर नही है,
उसे शायद आप का लिहाज है ।
मोहबत्त को कहता नमाज है ।
इश्क के नाम पर खफा हैं लोग यंहा
मेरे आस-पास यह कैसा समाज है ।
भाती है,मगर मीठी आंच है यह,
इस प्यार का यही अंदाज है ।
बदन तक तो ठीक है लेकिन,
हमारे आचरण पर भी लिबाज है ।
वो चुप है,मगर कमजोर नही है,
उसे शायद आप का लिहाज है ।
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Wednesday, 20 May 2009
पास तुम नही तुम्हारी यादें है -------------------------
पास तुम नही तुम्हारी यादें हैं
यंही-कंही बिखरे तेरे वादे हैं ।
सभी रिश्ते बढ़ा रहे हैं मुझसे ,
जाने कैसी बिछा रहे बिसादे हैं ।
जब से तुम्हे चाहने लगा हूँ मै,
ajeeb say uth rehay iraadey hain .
meri apni koi ichha hi nahi ,
hum to shatranj kay maamooli pyaade hain .
unhay sab kuchh mila hai bana-banaya,
jo kahlaatay duniya may sahjaade hai .
यंही-कंही बिखरे तेरे वादे हैं ।
सभी रिश्ते बढ़ा रहे हैं मुझसे ,
जाने कैसी बिछा रहे बिसादे हैं ।
जब से तुम्हे चाहने लगा हूँ मै,
ajeeb say uth rehay iraadey hain .
meri apni koi ichha hi nahi ,
hum to shatranj kay maamooli pyaade hain .
unhay sab kuchh mila hai bana-banaya,
jo kahlaatay duniya may sahjaade hai .
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Monday, 18 May 2009
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
अभी तो आखें चमकी , अभी तो सांसे बहकी ;
अभी ही अँधेरा छाया, अभी ही तेरे घर से निकला कोई साया ;
अभी तो तु खुल के खिलखिलाया है ,
अभी ही तुने मेरा सपना बिखराया है ;
कदम की लडखडाहट,
तेरे जाने की आहट;
गलें की तल्खियाँ मिटाने दे ;
भावनावों को सिमट जाने दे /
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
अभी तो आखें चमकी , अभी तो सांसे बहकी ;
अभी ही अँधेरा छाया, अभी ही तेरे घर से निकला कोई साया ;
अभी तो तु खुल के खिलखिलाया है ,
अभी ही तुने मेरा सपना बिखराया है ;
कदम की लडखडाहट,
तेरे जाने की आहट;
गलें की तल्खियाँ मिटाने दे ;
भावनावों को सिमट जाने दे /
अभी तो सपना सजाया है ;
अभी ही तुने रुलाया है ;
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हिन्दी कविता hindi poetry
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Sunday, 17 May 2009
love you the way you are
love you the way you are ;
in spite of our quarrels and wordily wars ;
the betrayal of emotions ; feeling of loves erosion's ;
the hurt of losing you ;the joy of holding you ;
the times you were not with me ;
the beautiful moments you shared with me ;
in life's ups and down ;
you hold your own;
love you the way you are ;
in spite of our quarrels and wordily wars.
in spite of our quarrels and wordily wars ;
the betrayal of emotions ; feeling of loves erosion's ;
the hurt of losing you ;the joy of holding you ;
the times you were not with me ;
the beautiful moments you shared with me ;
in life's ups and down ;
you hold your own;
love you the way you are ;
in spite of our quarrels and wordily wars.
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[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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