Thursday, 30 July 2009
गम नही दूरी का , प्यार की मजबूरी का ;
सूखते भावों का ,अनसुनी आहों का ;
इंतजार करती राहों का ;
व्याकुल मन का , तरसे तन का ;
तेरी कड़वी बातों का ,अनसोयी रातों का ;
तकलीफ है उनकी आवारा हँसी पे ,
औरों संग बंटती खुशी पे ;
प्यार की अपनी प्यास पे ;
अपनी न मरती आस पे ;
तेरे ठहरे कदमों पे , बदलती रस्मों पे ;
झिझकती तमन्नाओं पे ,बदलती कामनाओं पे ;
गम नही तेरी उपेच्छा पे ,
तकलीफ है अपनी कम होती सदिक्षा पे /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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तेरे बारे में जब भी सोचता हूँ ---------------------------------------
हजारो सवालों को टालता हूँ ।
जानता हूँ बड़ी तकलीफ होगी ,
फ़िर भी इश्क का रोग पालता हूँ ।
मुझे तो हाँथ मे मोती ही चाहिए,
इसी लिए मैं गहरे में डूबता हूँ ।
मैं कभी कहता तो नही लेकिन ,
तेरे लिए मैं भी बहुत तड़पता हूँ ।
आज-कल डरा-डरा सा हूँ क्योंकि,
मैं भी किसी का ख्वाब पालता हूँ ।
जो कहना है लिख देता हूँ क्योंकि,
दिल अपना कंही कँहा खोलता हूँ ।
मेरा भी घर कांच का ही है ,
मैं पत्थरों से बहुत ही डरता हूँ ।
Wednesday, 29 July 2009
वो मनचली ---------------------------------------
निर्णय कर लेने से मेरा मतलब है कि दोनों परिवारों कि सहमती हो तो ही । बस मैंने अपनी इच्छा जाहिर कर दी थी और भावी श्रीमती जी से भी मैने यही करने को कहा ।
हम दोनों ही मध्यमवर्गीय परिवारों से सम्बन्ध रखते हैं , इसलिए नौटंकी के लिए पर्याप्त मसाला तैयार था । किसी को यह बात हजम ही नही हो रही है कि सिर्फ़ ३-४ मुलाकातों के बाद ही शादी का निर्णय कोई कैसे कर सकता है ? अजीबो-गरीब सवालो के जवाब मुझे अपने अपनों और भावी सम्बन्धियों को देने पड़े । ऐसे लोगो कि बातें सुननी पडी जिन्हे मैं ख़ुद से बात करने के भी लायक नही समझता ।
लेकिन ऐसे परम अयोग्य लोगो के साथ पूरी सराफत से पेश आना पड़ा । ख़ुद अपमानित हो कर भी उनका सम्मान बनाए रखना पड़ा । आख़िर मामला दिल का था । अपने से जादा उनका ख्याल रखना था । फ़िर हिन्दोस्तान है , अजीब देश है यह । यंहा इतनी पाक-साफ़ और सात्विक प्रेम कहानी किसी को कैसे हजम हो सकती है ?
लेकिन यह सच है , मेरा सच । यह मैं आप लोगो को इस लिए बता रहा हूँ ताकी कल अगर आप का लड़का-लडकी ,भाई-बहन या कोई भी यह कहे कि उसे २-३ मुलाकातों के बाद ही कोई इस कदर पसंद आ गया है कि वह उसके साथ जिंदगी बिता सकता है , तो उस पे शक मत करना। उसकी भावनावो का सम्मान करना ।
अपनों पर विश्वाश बहुत जरूरी है ,अन्यथा आप उन्हें खो सकते हो । खैर मेरा maamlaa तो patree पे आता दिख रहा है ,आगे क्या होगा bhagwaan जाने------------------------------------------
Tuesday, 28 July 2009
तुझसे प्यार है
तुझसे प्यार है ;
जानता हूँ आपको इनकार है ;
पर तुमसे प्यार है /
धड़कन बडाते हो , जब भी मुस्कराते हो ;
आखों की बातें ,मुस्कराती आखें ;
खिलता चेहरा , ओठ लजराते ;
पर आपको अपने ही भावों से तकरार है ;
तुझसे प्यार है /
नजदीक आते तेरे कदमों का बयां कुछ और है ;
तेरी बातों का शमा कुछ और है ;
आते हो करीब बड़ी हया से ;
बातें करते हो एक अदा से ;
मेरी किसी और से नजदीकी तुझे चुभती है ;
तेरे करीब आयुं नही मंजूर तेरी वफ़ा को ;
तू खुश है अपनी रीती से ;
पर तुझे इनकार है उसमे छिपी किसी प्रिती से
तुझसे प्यार है /
जानता हूँ आपको इनकार है ;
पर तुमसे प्यार है /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Sunday, 26 July 2009
आ मुझे प्यार कर /
जो ना हो सका न उसकी फरियाद कर ;
न इस वक्त को ,अपनी अभिव्यक्ति को ;
यूँही बरबाद कर ;
बच्चों का खूब दुलार कर ,
बड़ों के भावों का ध्यान कर ;
इश्वर का तू भान कर ;
वक्त अगर मिल जाए तुझे ,
तेरा मन इतराए अगर ,
अपने अरमानो का मान कर ;
अहसासों का इजहार कर ;
बाँहों में भर कर मुझे प्यार कर ;
आ कभी तो आखों में बसा ;
भावों में सजा ,ह्रदय में छिपा ;
इकरार कर ;
आ मुझे गले का हार कर /
जी भर के मुझे प्यार कर /
आ मुझे प्यार कर /
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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Saturday, 25 July 2009
संत कबीरदास
संत काव्य परम्परा में कबीरदास का स्थान सबसे उच् है । उन्होंने संत सिरोमणि बनकर हिन्दी कविता को नई दिशा प्रदान की । धर्मं को अंधविश्वास और आडम्बर से मुक्त करने का प्रयास किया,और हिंदू मुस्लिम एकता का मार्ग दिखलाया।
अनेक यादें बिखरी हुई हैं
अनेक यादें बिखरी हुई हैं ;
कितनी ही बातें उलझी हुई हैं ;
खुबसूरत वाकयों का हिसाब क्या करें ;
सब तेरी बेतकल्लुफी में सिमटी हुई हैं /
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मोहब्बत और तनहाई से कैसे रूठें ;
अपनो की जुदाई से कैसे रूठें ;
ईश्वर की खुदाई पे कैसे रूठें ;
जीने को कुछ खुशियाँ ,
खुशियों को कुछ भावः लगते हैं ;
मेरी जिंदगी मेरे प्यार ,
तेरी मोहब्बत और बेवफाई पे कैसे रूठें ?
[ बादलों की प्यास हूँ मै ,
जो पूरी न हुयी ,वो आस हूँ मै ;
फूलों की घाटी का ,
दल से बिछडा गुलाब हूँ मै ;
सुबह का पूरा न हुवा ;
वो अधुरा ख्वाब हूँ मै / ]====
{ तजुर्बा उम्र का है या उम्र तजुर्बे की ?
कैसे कहें की बात सच की है या सपने की ?
जो दिया जिंदगी ने समेट लिया ,
जो कहा अपनो ने सहेज लिया /
रास्ते कहाँ जायेंगे जानता नहीं हूँ मै;
खुदा की राह है,मंजिल तलाशता नहीं हूँ मै / }
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( मेरी मोहब्बत से मुझको शिकायत है ,
ऐसे न कर सका की उनको भी आहट हो / )
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***औरत का नंगा जिस्म ********************* शायद ही कोई इस दुनिया में हो , जिसे औरत का जिस्म आकर्षित न करता हो . अगर सारे आवरण हटा क...
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