Wednesday, 8 April 2009

दिल कितना मचलता है ---------------------------

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दिल कितना मचलता है ,

कोई तारा जब टूटता है ।

वो यकीनन् अजनबी है पर ,

अपनों से भी करीब लगता है ।

जिंदगी बेरंग लगती है तब,

जब हाथो से हाथ छूटता है ।

मैं मना लूँगा,वो जानता है

इसीलिये तो रूठता है ।

मैं उसकी हर बात मानता हूँ ,

वो है की झूठ पे झूठ बोलता है ।

ये मेरे प्यार की निशानी है --------------------------

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इस तस्वीर की इतनी सी कहानी है ,
ये मेरे प्यार की निशानी है ।
जो लिख रहा हूँ नयी ग़ज़ल में ,
वो सब बात पुरानी है ।
ये चेहरा उसी शोख कातिल का है,
नाम जिसके कर दी जवानी है ।

चुप चाप कही जब सो जाती है -------------------------

चुप चाप कही जब सो जाती है ,
मीठे सपनो में खो जाती है ।
दर्द बहुत जब बढ़ जाता है ,
आंखे हैं की रो जाती हैं ।
कड़वी बाते सभी पुरानी,
नये प्यार में धो जाती हैं ।
दो फूल खिले हो जिस आँगन ,
खुशियाँ वाही पे हो जाती हैं ।
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