- Guard your card. Avoid losing them out of your sight when making a transaction.
- Sign any new cards as soon as they arrive. Ensure that you cut & destroy the old cards as soon as the new ones become valid.
- Carefully discard receipts/charge slips from card transactions – shred them if possible to prevent fraudsters from acquiring information about you and your cards.
- Check your receipts/charge slips against your monthly statements carefully. If you find an unfamiliar transaction contact BBP (Bank by Phone) immediately.
- Don’t leave cards unattended in a bag, briefcase or jacket pocket in a public place and keep your bag or briefcase on your lap.
- Report loss of card to the bank immediately. Please ensure you have the local BBP number noted with you at all times so that you can contact them immediately during such emergencies
- Always keep your bag and other personal belongings locked in a cupboard or drawer, be it at office or home.
- Never write down your ATM Personal Identification Number (PIN), especially on the card nor keep the same in your wallet. Try to memorize it instead.
- When using an ATM, be wary of anyone who might be trying to watch you enter your PIN and do not allow yourself to be distracted by anyone trying to talk to you.
- Please do not give your card or PIN to any person claiming to be from ABN AMRO or any another agency even if he produces an ID card. In case the card is to be handed over to an authorized Bank personnel make sure the card is cut into pieces & BBP is informed to block the card before the hand over.
- Don’t share personal information unless you are entirely confident about the person/ company you are dealing with. Be particularly cautious if you are cold-called by someone claiming to be from a bank or the police. If in doubt, ask for proof of identity or call up the BBP services.
- Change passwords whenever the password is been disclosed by any chance to anybody.
Friday, 8 January 2010
how to keep your credit card safe ?
अभिलाषा-११२
बनते और बिगड़ते हैं .
पर सब सहता हस्ते-हस्ते,
छुपा के दिल का हाल प्रिये .
लाखों और हजारों बूंदे,
यद्यपि सागर में गिरती .
पर सीपी कि मोती तो,
बनती कोई खास प्रिये .
अभिलाषा-११२ -----------------------
अभिलाषा ११०
११०
शब्द-शब्द सब मन्त्र बन गए ,
प्रेम में जो भी लिख डाला .
जाप इन्ही का करना यदि ,
अभिलाषा हो कोई प्रिये .
टूटे सारे छंद -व्याकरण ,
फूटा जब भावों का झरना .
इसमें चाहत का कलरव,
और मदिरा सा नशा प्रिये .
१११
अभिलाषा ने जीवन के,
कदमो पे गिर के पूछा -
पूरी कब हो पाऊँगी ,
बतला दो बस इतना प्रिये .
जीवन फिर हंसते-हंसते,
उससे केवल इतना बोला-
जो पूरी हो जाये वह,
रहे नहीं अभिलाषा प्रिये .
Thursday, 7 January 2010
बड़ा बेईमान है चेहरा /
खुली हवाओं में सिमटता है,
सच का क्या कहें यारों,
दबाओगे जितना उतना ही उभरता है /

Monday, 4 January 2010
विरह की पीड़ा , मै अकेला ,धुल अंधड़ /
विरह की पीड़ा , मै अकेला ,धुल अंधड़ ,
रात नीरव ,चाँद निर्मल ,आसुओं का रण,
शाम रक्तिम ,निर्जन है मन ,यादें विहंगम ,
मोह इक व्यथा है ,
प्यार सुख की विधा है ,
लालसा बंधन की ,
चाह है ये ज्वलन की ,
क्यूँ हो विस्मित दुःख की दशा पे ,
क्यूँ हो चिंतित खुद की व्यथा पे ,
आग कब भागे जलन से ,
बर्फ कब पिघली ठिठुरन से ,
नीला अतुल आकाश खुला है ,
सागर विशाल भरा पड़ा है ,
समय निरंतर चल रहा है,
मृत्यु को जीतोगे कैसे ,
प्यार तो हर ओर पड़ा है /
विरह की पीड़ा , मै अकेला ,धुल अंधड़ ,
रात नीरव ,चाँद निर्मल ,आसुओं का रण,
शाम रक्तिम ,निर्जन है मन ,यादें विहंगम ,

३ ईडियट और -----------
३ ईडियट और -------
हाल ही में आई यह फिल्म कई मायनों में बड़ी महत्वपूर्ण है . इस पर बारीकी से ध्यान देना जरूरी है. आमिर खान की यह फिल्म हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पे प्रश्न चिन्ह लगाती है. साथ ही साथ ये भी बताती है कि किस तरह आज भी हम अपने शिक्षा संस्थानों में मल्टी नेशनल कंपनियों के लिए नौकर ही पैदा कर रहे हैं. हम किस अंधी दौड़ में शामिल, हैं इसका उदाहरन इस पिक्चर में दिखाया गया है.
साथ ही साथ इस पिक्चर में कुछ कमियाँ भी रही हैं .हो सकता है मेरी यह बात आमिर खान जी को पसंद ना आये लेकिन मुझे जो कमी लगी वो इस प्रकार है
- पिक्चर का नायक रैंचो वर्तमान शिक्षा व्यस्था को धता बताता है, फिर भी उसी व्यवस्था में उसका फर्स्ट आना खटकता है .
- फिल्म का नायक सिद्धांतो कि बात करता है,लेकिन वह खुद किसी और के लिए डिग्री मुहैया करता है.
लेकिन कुल मिलाकर फिल्म अच्छी है. आमिर भाई बधाई हो
बुर्ज दुबई ;दुनिया की सबसे ऊँची ईमारत
(इन तमाम फोटो पे मेरा किसी तेरह का कोई कॉपी राईट नहीं है . ये मुझे मेल के रूप में प्राप्त हुई हैं, जिन्हें मै यंहा सामान्य जन की जानकारी हेतु दी रहा हूँ. मेरा कोई व्यावसाईक उदेश्य नहीं है . )
Friday, 1 January 2010
इस राष्ट्रीय सेमीनार में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
आप सब का हम दिल खोल कर स्वागत करते हैं.
अगर आप इस सेमीनार में कोई आलेख पढना चाहते हैं तो आप उसके लिए सम्पर्क कर सकते है .
इस सेमीनार में दिल्ली,वनारस,लखनऊ और अल्लाहाबाद से कई विद्वान सहभागी हो रहे हैं .
हिंदी का राष्ट्रिय सेमीनार
१५-१६ जनवरी २०१० को पुणे विश्विद्यालय से सम्बद्ध चांदमल ताराचंद बोरा महाविद्यालय , रांजनगाँव ,शिरूर में २ दिवसीय
राष्ट्रीय संगोष्टी आयोजित की गई है . यदि आप इस संगोष्टी में सहभागी होना चाहते हैं तो संपर्क करे -
डॉ.इश्वर पवार
०२१-३८२८८४४४
०९६२३९६१४४३
०९४२२३१६६१७
संगोष्ठी में आप का स्वागत है
moments goes by .
events fades by ,
feelings remains ,
care and affection what it means ,
judgements may not come true ,
believe is hard to believe ,
but love is always there to see ।
cherish those who stand by you ,
implore the goodness who are ignored by you ,
have faith in your own divinity ,
be good to every one by your civility।
the year ahead may bring joy and happiness ,
the time ahead may bring pride in your achievement and humbleness।
All you wish ,
have growth and bliss ।
a life of content ,
full of good intent ।
of love and peace ,
of growth and ease।
WISH ALL A VERY HAPPY NEW YEAR .

Thursday, 31 December 2009
नूतन क्या है जो मै लायुं /
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
क्या नूतन मै भाव सजायुं ;
नित्य सुबह को नयी है किरणे ,
उनमे क्या मै और मिलायुं ,
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
मेरी निजता तुममे है खोयी ,
तेरे सपनों से प्रभुता है जोई ;
नित नए पलों का उदगम हरदम ,
कितने उसमे सपने मै बोयुं ,
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
तुझको तकते आखें है सोयी ;
नया है हर पल ,हर छन नया है ,
नयी है शामें सुबह नयी है ,
नया महिना साल नया है ,
क्या नया नया मै जोडूँ यार पुराने ,
क्या मै बदलूं प्यार पुराने ;
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
क्या नूतन मै भाव सजायुं ;

happy new year
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