तुम जिन बातों को अधूरा छोड़ देती हो
उन्हें पूरा - पूरा समझता हूँ ।
कहे से जादा तुम्हारे अनकहे को
अब मैं जानता हूँ ।
तुम्हारे मौन से
मेरे मन का रिश्ता है ।
तुम्हारी इन आखों में
मेरी एक दुनियाँ बस्ती है ।
उन्हें पूरा - पूरा समझता हूँ ।
कहे से जादा तुम्हारे अनकहे को
अब मैं जानता हूँ ।
तुम्हारे मौन से
मेरे मन का रिश्ता है ।
तुम्हारी इन आखों में
मेरी एक दुनियाँ बस्ती है ।
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..