बनारस मे नए मित्रों के फोन कुछ इस तरह आते है,
का बे कहां हो ?
यहीं कमरे पे ।
चलो अस्सी चलें ।
कुछ काम है ।
अबे काम काहे का गुरु , चलो घंटा दू घंटा लंठई / बकचोदी करेंगे, फिर लौट आएंगे ।
जब तक मैं कल्याण में था , न तो बकचोद था न लंठ । लेकिन बनारस ------------------------------ -------------------------- ।
भो------ के एतना सोचबो तो लड़........ रह जाबों । बु........... कभों न ब्न्बो ।
तो का चल रहे हो ?
हाँ , आता हूँ ।
ये संवाद उन प्राध्यापक मित्रों के साथ जो बीएचयू के प्रोफेसर हैं ।
का बे कहां हो ?
यहीं कमरे पे ।
चलो अस्सी चलें ।
कुछ काम है ।
अबे काम काहे का गुरु , चलो घंटा दू घंटा लंठई / बकचोदी करेंगे, फिर लौट आएंगे ।
जब तक मैं कल्याण में था , न तो बकचोद था न लंठ । लेकिन बनारस ------------------------------
भो------ के एतना सोचबो तो लड़........ रह जाबों । बु........... कभों न ब्न्बो ।
तो का चल रहे हो ?
हाँ , आता हूँ ।
ये संवाद उन प्राध्यापक मित्रों के साथ जो बीएचयू के प्रोफेसर हैं ।
ह्म्म्म्म बनारसी
ReplyDelete