अब जब कि नहीं हो तुम
"तुम्हारा होना'' बहुत याद आता है ।
इस अकेलेपन के साथ
"तुम्हारा साथ" बहुत याद आता है ।
खुद बिखरते हुए
तुम्हारी स्मृतियों को समेटना
अजीब है ।
जितना बिखरता हूँ
उतना ही समेटता हूँ ।
जितना समेटता हूँ
उतना ही बाकी है
ओह !!
जाने कितना बाकी है ?
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