आज फिर
जब मिला तुमसे
तो
तुम्हारे साथ
तुम्हारे पास
तुमसे जुड़ी
तुमसे बिखरी
तुमसे सुलझती
तुमसे उलझती
वो सारी बातें
वो सारी यादें
वो सारी मुलाकातें
एक बार फिर से
खुद को थोड़ा और
तुमसे जोड़कर
खुश हैं
फ़िर तुम्हारे बिना
तुम्हारे लिए
मचलने के लिए ।
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