Sunday, 14 October 2012

आज फ़िर


आज फिर 
जब मिला तुमसे 
तो 
तुम्हारे साथ 
तुम्हारे पास 
तुमसे जुड़ी 
तुमसे बिखरी 
तुमसे सुलझती 
तुमसे उलझती 
वो सारी बातें 
वो सारी यादें 
वो सारी मुलाकातें 
एक बार फिर से  
खुद को थोड़ा और 
तुमसे जोड़कर 
खुश हैं 
फ़िर तुम्हारे बिना 
तुम्हारे लिए 
मचलने के लिए । 

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