हाल ही में भाई नदीम सिद्दीकी जी से मुंबई में एक कवि सम्मेलन में मुलाकात हुई. उनका एक शेर वेलेंटाइन डे क़ी पूर्व संध्या पर बड़ा कारगर लगा.
तेरा इन्तजार करेंगे, चाहे ज़माने लग जाएँ
या तो तू आ जाए,या हम ही ठिकाने लग जाएँ .
तेरा इन्तजार करेंगे, चाहे ज़माने लग जाएँ
या तो तू आ जाए,या हम ही ठिकाने लग जाएँ .
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