Monday, 13 December 2010

कुछ तो कहो, कुछ तो लिखो ;

कुछ तो कहो, कुछ तो लिखो ;
सजाई है जब एक महफ़िल , महफ़िल में कभी तो खिलो ;
क्यूँ चुप हो ,क्या बात है, क्यूँ मुद्दे नहीं मिलते ;
जीवन का हर पल एक बात है ,क्यूँ बात नहीं करते ;
चुप रहने से कुछ हासिल नहीं होता ,
बिना अपनी बात कहे, समाज के बदलाव में शामिल नहीं होता ;
गर चीजें बदलनी है बेहतरी के लिए ,
खुल के कहो बात अपनी ,देश की तरक्की के लिए

1 comment:

  1. खुल के कहो बात अपनी ,देश की तरक्की के लिए

    Sarthak vichar.....

    ReplyDelete

Share Your Views on this..

हिन्दी सिनेमा की वैश्विक लोकप्रियता और राज कपूर

 राज कपूर शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केंद्र, भारतीय दूतावास, ताशकंद,उज़्बेकिस्तान एवं ताशकंद स्टेट युनिवर्सिट...