(५)
मेरी अन्तिम साँस की बेला
मत देना तुलसी दल माला
अपने ओठो का एक चुम्बन
ओठो पे देना मेरे प्रिये ।
(६)
शव यात्रा मेरी जब निकले
तब राम नाम की जय मत करना
प्रेम को कहना अन्तिम सच
प्रेमी कहना मुझे प्रिये ।
(७)
चिता सजी हो जब मेरी तो
मरघट पर तुम भी आना
आख़िर मेरे प्रिय स्वजनों मे
तुमसे बढ़कर कौन प्रिये ।
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waah waah......kya bhav hain..........prem ho to aisa aur ichcha ho to aisi.
ReplyDeleteaapke aur muktak ka intzaar rahega.
ReplyDeletethat r amazing....will visit again & again to read that
ReplyDeleteBhai Tanveer, yuheen google search karte hue apka blog aya aur na jane kyoon laga ki ye blog pada jaye, Yakkeen maniye, ek ajeeb sa apnapan laga aap se.
ReplyDeleteLikhte bahut acchha hain age bhi apka blog jarroor pada karainge, wese is bande ka bhi ek ghatiya sa blog hai-- prabhatsardwal.blogspot.com
kabhi samay ho, to jaroor ek nazar dekh lijiye
Prabhat sardwal