Monday, 17 February 2014

बनारस : इन बिटवीन लंका टू वी.टी.

                     
आज दिनांक 16 फरवरी 2014 की सुबह गुलाबी ठंड के साथ कंबल में दुबका हुआ ही था कि गेस्ट हाऊस के भाई जोखन सिंह जी ने चाय के कप के साथ उठा दिया । चाय की तलब लगी ही थी । जोखन जी उम्र में मेरे पिताजी के बराबर होंगे,पर मेरा पैर छूते हैं । मेरे बार-बार मना करने पे भी अपना तर्क रखते हुए कहते हैं कि आप बाभन हैं और फिर गुरु भी । जीवन पे पहली बार लगा कि ब्राह्मण और गुरुजी होना बुरा नहीं है । अन्यथा मण्डल आयोग के कमंडल से जो निकला ....................... । जाने देते हैं,विषय बदल जाएगा और ऐसा बदलेगा कि कइयों को लहरिया देगा ।
तो जोखन जी की चाय के बाद घड़ी देखी तो लगा नास्ता भी कर लिया जाय नहीं तो डायनिंग एरिया से कोई और बुलाने आ ही जाएगा । बिना ब्रश- दतून के नास्ता करने पहुंचे तो देखा पूड़ी,सब्जी और जलेबी के साथ चाय । बस मुड़िया के लगे रहे अंतिम चुस्की तक । नास्ते के बाद जब प्रेशर का आभास हो गया तो नित्य क्रिया निपटाने में देर नहीं की । आज रविवार था,कोई और काम हो नहीं सकता था इसलिए भाई कमलेश मौर्या के साथ किराये का मकान खोजने निकल पड़े । दो-चार जगह दौड़ने के बाद मन हुआ बाबा विश्वनाथ जी के दर्शन कर लिया जाय । उनकी नगरी में मकान लेने से पहले उनके दरबार में हाजिरी जरूरी समझी । तो सँकरी- सँकरी गलियों के बीच से भोले बाबा के गर्भगृह तक जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । माँ अन्नपूर्णा और माँ पार्वती के भी दर्शन किए। फ़िर बनारसी छोले बटूरे को भकोस के अस्सी घाट के लिए निकल पड़े । गंगा मईया को देख मन प्रसन्न हो गया । आनंद नामक नईया के खेवईया के साथ गंगा जी में उतर गए । पानी शीतल था । इस समय बरसात नहीं है इसलिए नदी  बीच में सूखी है । वहाँ जाके पूरे बनारस को समझने का प्रयास किया ।
 भाई कमलेश ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री जी का गाँव उस तरफ है और वे कई बार नदी पार कर पढ़ने के लिए सामने घाट की तरफ आते थे । ये कहानी सुनी तो हमने भी थी लेकिन आज गंगा नदी के बीचों- बीच खड़े होकर उनके गाँव,नदी और घाट की जो स्थिति देखी तो यकीन हो गया कि कहानी झूठी है । लगभग 3 किलोमीटर लंबी गंगा जी को पार करना किसी बच्चे के लिए लगभग असंभव है । अच्छा वो इतनी जहमत क्यों उठाए ? क्योंकि उसके पास मल्लाह को देने के लिए पैसे नहीं होते थे ..........। बनारस का कोई मल्लाह किसी स्कूल जाने वाले बच्चे को इसलिए नाव में नहीं बैठायेगा क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं, ये बात भी गले नहीं उतरती । हाँ लड़कोरी में कभी नाव पकड़ के गंगा पार किए होंगे तो वो अलग मामला होगा । लेकिन फ़िर भी जो इतिहास के ज्ञानी तथ्यों और प्रमाणों के आधार पे हमें गलत साबित करने का मन बना रहे हों उनसे अनुरोध है समय न बर्बाद करें । हम तो जो देखे उसी के हिसाब से समझे और लैपटपवा पे टिपटिपा दिये ।
वहाँ से वापस घाट पे आए तो लेमन टी पीने का मन हुआ । पहली बार देखे की हाजमोले की गोली,नीबू का रस और उबली हुई चाय से इतनी स्वादिष्ट लेमन टी बन सकती है । चाय का मूल्य 06 रूपये मात्र । इस अजब चाय का गज़ब स्वाद मुंहा में संभाले वापस लंका आए और फ़िर गेस्ट हाउस । कल लंका टू वी.टी. के बीच ही दौड़ना है । मेरा मतलब है लंका गेट से विश्वनाथ टेंपल तक । जय भोले नाथ की ।


Wednesday, 12 February 2014

अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिसंवाद 7-8 फरवरी 2014






































अधिक तसवीरों के लिए इस लिंक पे  क्लिक करें । 
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Tuesday, 14 January 2014

हर दीवार नए दरवाजे की उम्मीद होती है ।

25 जनवरी 2014 को BHU के लिए निकल रहा हूँ । आगामी कम से कम दो वर्षों तक वंही रहूँगा । मुंबई की जीवन शैली में 32 सालों तक रचने - बसने के बाद, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ही नई जमीन तलाशने की कोशिश करूंगा । कहते हैं कि हर दीवार नए दरवाजे की उम्मीद होती है । मेरी मन पसंद पंक्तियाँ भी यही संदेश देती हैं 
रास्ता कहाँ नहीं होता ?
सिर्फ हमें पता नहीं होता । 

बाबा विश्वनाथ का आदेश सर माथे ।





मैं अपनी ही उलझी हुई राहों का तमाशा
जाते हैं जिधर सब, मैं उधर क्यों नहीं जाता

- Nida fazli

Wednesday, 1 January 2014

आगामी 7 – 8 फरवरी 2014 को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिसंवाद


Tuesday, 31 December 2013

पंजीकरण शुरू

मित्रों सादर प्रणाम ,
                 आप को सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के साथ मिलकर हिंदी विभाग, के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण ( पश्चिम ) आगामी 7 – 8 फरवरी 2014 को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिसंवाद का आयोजन कर रहा है । परिसंवाद का मुख्य विषय है – वैकल्पिक पत्रकारिता और सामाजिक सरोकार ।
आलेख :-
                परिसंवाद के लिए आप अपने शोध आलेख 10 जनवरी 2014 तक भेज सकते हैं । कुछ चुने हुए आलेखों को ISBN नंबर के साथ पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जायेगा । आलेख 1500 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। आलेख यूनिकोड़े मंगल फॉन्ड में टाईप करा के ही भेजें । हस्तलिखित आलेख स्वीकार नहीं किये जायेंगे । आलेख word file में manishmuntazir@gmail.comपे भेजें ।  आप के आलेखों का स्वागत है ।
                  आलेख भेजने के लिए उप- विषय हैं – पत्रकारिता का वैकल्पिक स्वरूप,वेब मीडिया और वैकल्पिक पत्रकारिता, वैकल्पिक पत्रकारिता की आवश्यकता, वैकल्पिक पत्रकारिता का असामाजिक पक्ष, वैकल्पिक पत्रकारिता और गेट कीपिंग,वेब मीडिया और सामाजिक सरोकार, वेब मीडिया - अर्थपरिभाषा और स्वरूप, वेब मीडिया और लोकतंत्र,वेब मीडिया - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष में,वेब मीडिया और सामाजिक आंदोलन,वेब मीडिया और सरकारी नियंत्रण,वेब मीडिया और राजनैतिक आंदोलन, वेब मीडिया और धार्मिक आंदोलन, वेब मीडिया और व्यक्तिगत पत्रकारिता,वेब मीडिया और मनोविज्ञान,वेब मीडिया और हिंदी, वेब मीडिया और हिंदी का प्रचार – प्रसार,वेब मीडिया और शोध कार्य,वेब मीडिया और सांस्कृतिक चेतना,वेब मीडिया और युवा वर्ग,वेब मीडिया और स्त्री,वेब मीडिया और बाल साहित्य,वेब मीडिया और आदिवासी,वेब मीडिया और भाषा,वेब मीडिया और प्रवासी भारतीय, वेब मीडिया और साहित्य, वेब मीडिया और भारतीय संस्कृति,वेब मीडिया और सिद्धान्त,समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष में वेब मीडिया,वेब मीडिया और सेक्स,वेब मीडिया और बाजारीकरण,वेब मीडिया और नैतिक मूल्य, वेब मीडिया और विज्ञापन,वेब मीडिया की नई भाषा दृष्टि,वेब मीडिया और उपभोगतावाद,वेब मीडिया और पत्रकारिता का नया दौर,वेब मीडिया और अभिव्यक्ति का अधिकार,वेब मीडिया और नए क़ानूनों की आवश्यकता,वेब मीडिया और अल्प संख्यक भारतीय समाज,वेब मीडिया और हाशिये का समाज,वेब मीडिया और भारतीय गाँव,इन उप विषयों के अतिरिक्त भी आप अन्य विषयों पे संपादक की अनुमति से आलेख भेज सकते।
पंजीकरण :-
       इस परिसंवाद में सहभागी होने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है ।
       पंजीकरण शुल्क 2500 रूपए है । ( आवास की व्यवस्था के साथ )
       पंजीकरण शुल्क 1000 रूपए है । ( बिना आवास व्यवस्था के )
       आवास की व्यवस्था 7-8 फरवरी के लिए ही रहेगी ।
       आवासीय एक कमरे में दो से चार लोगों के रहने की व्यवस्था रहेगी ।
       पंजीकरण 15 जनवरी 2014 तक हो जानें चाहिए ।
       संगोष्ठी स्थल पे पंजीकरण की कोई तत्काल व्यवस्था नहीं रहेगी ।
       आप अपना पंजीकरण शुल्क किसी भी राष्ट्रीकृत ( Nationalized ) बैंक के डिमांड ड्राफ्ट (D.D) द्वारा 15 जनवरी 2014 तक भेज सकते हैं ।
       डिमांड ड्राफ्ट THE PRINCIPAL, K.M.AGRAWAL COLLEGE,KALYAN(W)   के नाम से भेजें ।
       डिमांड ड्राफ्ट के पीछे अपना नाम और मोबाइल नंबर अवश्य लिखें ।
       डिमांड ड्राफ्ट Registered Post द्वारा ही भेजें ।
       डिमांड ड्राफ्ट भेजने का पता है ।
       The Principal      
       K. M. Agrawal College of Arts, Commerce and Science
       Padgha Road,
       Gandhare,
       Kalyan (W) 421301
       Dist. Thane, Maharashtra, INDIA

परिसंवाद से जुड़ी सभी जानकारी आप http://internationalhindiconfrence.blogspot.in/ इस लिंक पे क्लिक कर पा सकते हैं । महाविद्यालय की जानकारी http://www.kmagrawalcollege.org/इस वेबसाईट पे उपलब्ध है । अधिक जानकारी के लिए परिसंवाद के संयोजक डॉ मनीष कुमार मिश्रा से 08080303132 इस मोबाईल नंबर पे भी संपर्क किया जा सकता है । परिसंवाद से जुड़े किसी भी नियम को बदलने का अधिकार महाविद्यालय को है । 

              आप का इस आयोजन में स्वागत है ।
                

Tuesday, 31 December 2013

यह नया साल

 यह नया साल
तुम्हारे बिना
आकार मेरे दरवाजे पे
खड़ा हो गया है ।
उसका दावा है कि
उसके पास मेरे लिए
नई उम्मीद
नई खुशियाँ
और बहुत कुछ ऐसा है जो
सतरंगी सपनों की तरह
मेरी दुनियाँ
बदल के रख देगा ।
अब तुम्ही बताओ
मैं इसे कैसे समझाऊँ कि
तुम्हारे बिना
मेरी ज़िंदगी में
कोई साल
कभी भी
शामिल

नहीं हो सकता । 

भारतीय ज्ञान परंपरा और उज़्बेकिस्तान: भाग एक

भारतीय ज्ञान परंपरा और उज़्बेकिस्तान: भाग एक                      भारतीय ज्ञान परंपरा अपनी प्राचीनता और व्यापकता में अद्वितीय है। यह केवल धा...