भक्त भी प्रिय भगवान भी प्रिय ,
ये मिथ्या संसार भी प्रिय ,
प्रियतम तुझको छोडूँ कैसे
मुझको तेरा नकार भी प्रिय
भाव अचल है चंचल है धड़कन
प्यार अटल है चंचल ये बंधन
प्यास न जाती आस न जाती
सत्य मृत्यु है चंचल ये जीवन
Tuesday, 12 October 2010
सत्य मृत्यु है चंचल ये जीवन
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jivan

Friday, 8 October 2010
दिल कह रहा पुकार लूँ तुझको
दिल कह रहा पुकार लूँ तुझको
रेशमी बालों को सँवार दूँ फिर से
अहसास कहे है तेरी तनहाई
मौसम ने ली है फिर अंगडाई
ह्रदय भ्रमित है किस राह को जावे
क्या कर दे की प्यार को पावे
साँस रुकी है पल स्थिर है
नम आखें और ह्रदय व्यथित है
क्या कहूँ मै तुझको या चुप बैठूं
थामू मै धड़कन या सपनों को बहकूँ
निहार रहा बंद आखों से तुझको
आंख खोल क्या मै तुझको देखूं
दुविधा है फैली चहुँ ओर
किस बंधन से बंधी है डोर
चाह ना छोड़े अपनी आशा
तू ना बदले अपनी भाषा
राह चल रही औ मै स्थिर हूँ
भाव तेरा फिर भी काफ़िर हूँ ?
दिल कह रहा पुकार लूँ तुझको
रेशमी बालों को सँवार दूँ फिर से
रेशमी बालों को सँवार दूँ फिर से
अहसास कहे है तेरी तनहाई
मौसम ने ली है फिर अंगडाई
ह्रदय भ्रमित है किस राह को जावे
क्या कर दे की प्यार को पावे
साँस रुकी है पल स्थिर है
नम आखें और ह्रदय व्यथित है
क्या कहूँ मै तुझको या चुप बैठूं
थामू मै धड़कन या सपनों को बहकूँ
निहार रहा बंद आखों से तुझको
आंख खोल क्या मै तुझको देखूं
दुविधा है फैली चहुँ ओर
किस बंधन से बंधी है डोर
चाह ना छोड़े अपनी आशा
तू ना बदले अपनी भाषा
राह चल रही औ मै स्थिर हूँ
भाव तेरा फिर भी काफ़िर हूँ ?
दिल कह रहा पुकार लूँ तुझको
रेशमी बालों को सँवार दूँ फिर से
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Tuesday, 5 October 2010
बहक जाये गर तमन्ना तेरी आगे बढकर गले लगा लेना
unशिकायत हो तो कह देना
अरमानो की बगावत हो तो कह देना
अदावतों से डरते नहीं सपने कभी
दिल में चाहत हो तो कह देना
.
.
मोहब्बत में इंतजार भी मजा देता है
दूरियों का करार भी मजा देता है
पास आने को दिल झिझकता है कभी
मिलने को मचलता हो दिल तो कह देना
.
.
मेरी मोहब्बत से हो नफ़रत तो बड़ा लेना
मेरी चाहत से हो अदावत तो बचा लेना
जीत लूँगा हर अड़चन को अपनी मोहब्बत से
बहके तमन्ना तो कह देना
अरमानो की बगावत हो तो कह देना
अदावतों से डरते नहीं सपने कभी
दिल में चाहत हो तो कह देना
.
.
मोहब्बत में इंतजार भी मजा देता है
दूरियों का करार भी मजा देता है
पास आने को दिल झिझकता है कभी
मिलने को मचलता हो दिल तो कह देना
.
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मेरी मोहब्बत से हो नफ़रत तो बड़ा लेना
मेरी चाहत से हो अदावत तो बचा लेना
जीत लूँगा हर अड़चन को अपनी मोहब्बत से
बहके तमन्ना तो कह देना
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Saturday, 2 October 2010
प्रेम शुक्ल जी सम्मानित
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प्रेम शुक्ल जी सम्मानित
Thursday, 30 September 2010
देश से बड़कर धर्म नहीं है
देश से बड़कर धर्म नहीं है
मानवता से बड़ा कोई कर्म नहीं है
प्यार मोहब्बत भाई चारा
जुड़ कर रहना सीखो यारा
धर्म के ऊपर युद्ध नहीं हो
धर्म स्थल पे द्वन्द नहीं हो
राम रहीम ईशा औ बुद्ध ने
मोसेस नानक औ महावीर ने
प्यार सिखाया नहीं सिखाई नफ़रत
सौहाद्र शांति की डाली थी आदत
चाहे जिस रूप में याद करे हम
इश्वर अल्लाह या god कहे हम
मिलकर रहना प्रेम बाँटना
यही इबादत यही है जीना
देश से बड़कर धर्म नहीं है
मानवता से बड़ा कोई कर्म नहीं है
प्यार मोहब्बत भाई चारा
जुड़ कर रहना सीखो यारा
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hindi kavita .desh

Monday, 27 September 2010
चलता है है बना हमारा काम चलता है
सब चलता है अभिप्राय है कलमाड़ी का
राष्ट्र मंडल खेल हुए सब चलता है ,
स्टेडियम में काम है बाकी चलता है
राहों में गड्ढा है चलता है
टपक रही है छत चलता है
कुत्ते सोये बिस्तर पे चलता है
डेंगू के मच्छर हैं फैलें चलता है
१०० का काम किया हजार में चलता है
खिला हुआ भ्रष्टाचार है चलता
शर्मसार देश का नाम है चलता है
चलता है व्यव्हार India का चलता है
चलता है है बना हमारा काम चलता है
राष्ट्र मंडल खेल हुए सब चलता है ,
स्टेडियम में काम है बाकी चलता है
राहों में गड्ढा है चलता है
टपक रही है छत चलता है
कुत्ते सोये बिस्तर पे चलता है
डेंगू के मच्छर हैं फैलें चलता है
१०० का काम किया हजार में चलता है
खिला हुआ भ्रष्टाचार है चलता
शर्मसार देश का नाम है चलता है
चलता है व्यव्हार India का चलता है
चलता है है बना हमारा काम चलता है
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