Thursday, 15 October 2009

यम भगवान को देखने का एक और नजरिया

अकाल मृत्यु से बचने के लिए आज के दिन यम दीप दान का महत्व है। आज के दिन सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में दिया जलाकर उसकी पूजा करनी चाहिए । इससे अकाल मृत्यु नही होता । आज के दिन भगवान यम को याद किया जाता है । वैसे यम भगवान को याद करने का और एक दिन है वो है भाई दूज । उस दिन को यमद्वितीया भी कहते है। इस दिन यम की बहन यमी ने सबसे पहली बार भाई दूज मनाई थी। तभी से ये त्योंहार मनाया जाने लगा।
So let's celebrate this diwali with a new perspective and give respect to each and everybody without any prejudice.

Wednesday, 14 October 2009

कैसे भेजें ई- कार्ड इस दीवली पे ?


इस दीपावली पे अपने अपनों को ई-कार्ड के जरिये आप खुश कर सकते हैं । मैं कुछ ऐसे लिंक दे रहा हूँ जिनके जरिये आप आसानी से ये ई-कार्ड मुफ्त में डाउन लोड कर के उसे भेज सकते हैं । तो इन्तजार किसका है ? बस क्लिक करे और लाखों ई- कार्ड आप के सामने होंगे www.indiaexpress.com/cards/Holidays/

www.123greetings.com/events/diwali/
www.diwali-ecardwww.usagreetings.com/html/diwali/category.htmls.com/

www.dgreetings.com/religion_cards/hindu/diwali/index9

www.365greetings.com/event22.html
www.teluguone.com/greetings

ऐसे ही कई और भी वेबसाइट्स हैं ,लेकिन आप का काम ऊपर दिए गए पतों से हो जाए गा ।
दीपावली की मंगलमय शुभ कामनायें ।

Tuesday, 13 October 2009

आज तुम्हारे जन्म दिन पे -------------------




आज तुम्हारे जन्म दिन पे ,
आज तुम्हे याद करते हुए,
महसूश कर रह रहा हो ,
तुम्हारे साथ के हर पल को ।

तुम्हारी शैतानियाँ ,
तुम्हारी बदमाशियां ,
और कलाई पे बंधने वाली तुम्हारी राखी को भी ।

आज तुमसे दूर रह कर भी,
मैं तुम्हारे साथ हूँ ।
दिल की अनंत गहराइयों से,
तुम्हे आशीष देते हुए,
तुम्हारी खुशियों की दुआ मांगते हुए ,
और तुम्हारे प्यार को याद करते हुए ।

आज तुम्हारे जन्म दिन पे ,
तुम्हे तुम्हारे भाई का
ढेर सारा प्यार ।
(तान्या,ईशा और गुडिया के लिए )

महसूस कर हवा में मिलेंगी सदायें मेरी ;

महसूस कर हवा में मिलेंगी सदायें मेरी ;

आसमान से बरसती दुआएं मेरी ;

दूर रहने पे भी मेरे अहसास तेरी तन्हाई छू जायेंगें ;

बातों में तेरे मुंह से मेरे अलफाज निकल आयेंगें ;

सहेज लो चाहे जितना अपने मन अपनी नई जिंदगानी में ;

बिना मेरा जिक्र कहाँ रंग आएगा तेरी कहानी में ;

तू कहता है नही जरुरत अब मेरी मोहब्बत औ उसके इरादों की ;

नही परवा मेरे इश्क और मेरे हालातों की ;

तेरी अवहेलना ने आखों को इक हँसी सी नमी दी है ;

मेरे दिल को सबमे प्यार बांटने की जमीं दी है ;

सुक्रगुजर हूँ तेरा और तेरी इनायतों का ;

मेरी भावनाओं ,आकान्छाओं को अपनी दुश्मनी दी है ;

आईने में देखा जरा नजर भर के ख़ुद को ;

मेरी मोहब्बत के अहसासों ने तुझे क़यामत की खूबसूरती दी है /

झांक सकते हो तो झाँकों अपने ह्रदय के बंद हिस्सों में ;

मैंने कभी तुझे जिंदगी भर की खुशी दी है /

Sunday, 11 October 2009

रिश्तो की रंगोली

रिश्तो की रंगोली में ,
तेरे प्यार का रंग चाहिए ।
हमसफ़र मुझे तो,
सिर्फ़ तेरे जैसा चाहिए ।

आज जो तुम याद आए ----------

आज जो तुम याद आए,
न जाने क्यो हम बहुत घबराए ।
दोष तो तुम्हे देते रहे अभी तक,
आज ख़ुद का सामना नही कर पाये।

काश वे पल एक बार फ़िर मिल पाते तो,
सुधारता अपनी गलतियों को ।
तुम्हारे लिए नही ,
अपनी लिए ही क्योंकि ,
तुम्हारे बाद मैं ,
तुम्हारे साथ की ही तरह ,
चैन से सोना चाहता हूँ ।

Saturday, 10 October 2009

कैसे मैं अभिप्राय को बदलूं ?

बात नही करते तो क्या हम भूल गए ,

पैगाम नही कहते तो क्या सम्बन्ध छुट गए ;

तुझे खुशियाँ मेरी रास ना आई ,

तो गम के रिश्ते क्या टूट गए ;

भावों को तुने बदला ,

तो क्या मेरे अरमान सूख गए /

धरती ने नियती नही बदली ,

आसमान ने सीरत नही बदली ;

हवा ने बदला नही बहना,

सांसों ने बदला नही चलना ;

मै कैसे अपने प्यार को बदलूं ,

कैसे जीवन के आधार को बदलूं ;

हट नही ये सच्चाई है ,

तेरा प्यार मेरी खुदाई है ;

कैसे मैं भगवान को बदलूं ,

कैसे मै जज्बात को बदलूं ;

मै तुच्छ सही पर ये भी सच है ;

तेरी मोहब्बत मेरा रब है ;

रब की कैसे चाह मै बदलूं ,

कैसे मैं अभिप्राय को बदलूं ?