तारीख - 18 और 19 मई 2017
स्थान - गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, सजौली, शिमला- 171006
जल हमारे जीवन का सबसे अनिवार्य तत्व है। पृथ्वी के सन्तुलन को बनाए रखने में भी इसका सर्वाधिक योगदान है। जीवन का उद्भव और विकास जल में ही हुआ है। हमारी सभ्यताएँ और संस्कृतियाँ नदियों के किनारे ही जन्मी और विकसित हुई हैं। भारत में सभी जल संसाधनों को पवित्र माना जाता है। जल की गुणवत्ता के कारण ही धार्मिक ग्रन्थों जैसे- वेद, पुराण और उपनिषद में इसके संरक्षण के लिये ‘जल नीति’ वर्णन मिलता है। योजनाबद्ध तरीके से जल के उपयोग और प्रबन्धन का तरीका बताया जाता है जिससे इसे संरक्षित किया जा सके और सही उपयोग हो। नदियाँ हमारी संस्कृति, सभ्यता, संगीत, कला, साहित्य, और वास्तुकला की केन्द्रीय भूमिका में शामिल रही हैं।
पंजीकरण शुल्क (प्रति व्यक्ति)
1. भारतीय नागरिक- 2500 रुपए
2. विद्यार्थी- 1000 रुपए
3. विदेशी नागिरक- 150 अमेरिकी डॉलर
4. स्थानीय शिमलावासी- 1500 रुपए
1. शोध सारांश भेजने की आखिरी तिथि- 25 मार्च 2017
2. शोध पत्र भेजने की आखिरी तिथि- 10 अप्रैल 2017
3. स्वीकृति की सूचना शोध पत्र भेजने के 7 दिनों में दे दी जाएगी।
आयोजकों की ओर से ठहरने का कोई प्रबन्ध नहीं किया जाएगा। होटल में ठहरने का प्रबन्ध और खर्च प्रतिभागियों को स्वयं वहन करना पड़ेगा।
मानविकी, सामाजिक विज्ञान के क्षेत्रों के सभी लेखकों के शोध पत्रों का स्वागत है। इन बिन्दुओं पर आधारित शोध विषय की अपेक्षा की जाती है-
1. जल संस्कृति और भारतीय दर्शन
2. भारत के सन्दर्भ में नदियों की संस्कृति और आध्यात्मिक महत्ता
3. जल, कृषि और हिन्दू मान्यताएँ
4. जल, सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक पर्यावरण
5. जलनीति- जल संरक्षण के उपाय
6. जल प्रबन्धन, इकोनॉमी और नीतियाँ
7. नदी बेसिन स्तर पर जल संसाधनों की योजना और प्रबन्धन
8. भारतीय उद्योग क्षेत्र में जल का प्रयोग
9. जल, संस्कृति और पहचान- भूत से वर्तमान तक
10. भारत में जल की गुणवत्ता नीति और प्रबन्धन
11. भारत में जल की अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जल विवाद
12. भारत में 2020 के लिये जल नीति और एक्शन प्लान
13. भारत की जल समस्या - कारण और बचाव
14. भारतीय सभ्यताओं के विकास में जल की भूमिका
15. लिंग, जल और स्वच्छता
16. डिब्बाबन्द पानी - सामाजिक परिप्रेक्ष्य को समझने की कोशिश
17. जल माइक्रो बायोलॉजी
18. जल और हिमालय
19. जल गुणवत्ता और शुद्धता का मानक
20. भारत में जल आपूर्ति और स्वच्छता
21. भारत में जल का अधिकार
22. जल और मृदा संरक्षण की पारम्परिक तकनीकी
डॉ. आर.एल. शर्मा - 09418455488
डॉ. अनिल कुमार ठाकुर - 09418450063
डॉ. श्वेता नन्दा - 09717779315
डॉ. मनीष कुमार सी. मिश्रा - 08090100900/08080923132
ईमेल - sewaconferenceshimla@gmail.com
इवेंट ब्लॉग - http://sewashimla.blogspot.in/
जल हमारे जीवन का सबसे अनिवार्य तत्व है। पृथ्वी के सन्तुलन को बनाए रखने में भी इसका सर्वाधिक योगदान है। जीवन का उद्भव और विकास जल में ही हुआ है। हमारी सभ्यताएँ और संस्कृतियाँ नदियों के किनारे ही जन्मी और विकसित हुई हैं। भारत में सभी जल संसाधनों को पवित्र माना जाता है। जल की गुणवत्ता के कारण ही धार्मिक ग्रन्थों जैसे- वेद, पुराण और उपनिषद में इसके संरक्षण के लिये ‘जल नीति’ वर्णन मिलता है। योजनाबद्ध तरीके से जल के उपयोग और प्रबन्धन का तरीका बताया जाता है जिससे इसे संरक्षित किया जा सके और सही उपयोग हो। नदियाँ हमारी संस्कृति, सभ्यता, संगीत, कला, साहित्य, और वास्तुकला की केन्द्रीय भूमिका में शामिल रही हैं।
पंजीकरण शुल्क (प्रति व्यक्ति)
1. भारतीय नागरिक- 2500 रुपए
2. विद्यार्थी- 1000 रुपए
3. विदेशी नागिरक- 150 अमेरिकी डॉलर
4. स्थानीय शिमलावासी- 1500 रुपए
महत्त्वपूर्ण तिथियाँ
1. शोध सारांश भेजने की आखिरी तिथि- 25 मार्च 2017
2. शोध पत्र भेजने की आखिरी तिथि- 10 अप्रैल 2017
3. स्वीकृति की सूचना शोध पत्र भेजने के 7 दिनों में दे दी जाएगी।
ठहरने का प्रबन्ध
आयोजकों की ओर से ठहरने का कोई प्रबन्ध नहीं किया जाएगा। होटल में ठहरने का प्रबन्ध और खर्च प्रतिभागियों को स्वयं वहन करना पड़ेगा।
शोध पत्र के विषय
मानविकी, सामाजिक विज्ञान के क्षेत्रों के सभी लेखकों के शोध पत्रों का स्वागत है। इन बिन्दुओं पर आधारित शोध विषय की अपेक्षा की जाती है-
1. जल संस्कृति और भारतीय दर्शन
2. भारत के सन्दर्भ में नदियों की संस्कृति और आध्यात्मिक महत्ता
3. जल, कृषि और हिन्दू मान्यताएँ
4. जल, सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक पर्यावरण
5. जलनीति- जल संरक्षण के उपाय
6. जल प्रबन्धन, इकोनॉमी और नीतियाँ
7. नदी बेसिन स्तर पर जल संसाधनों की योजना और प्रबन्धन
8. भारतीय उद्योग क्षेत्र में जल का प्रयोग
9. जल, संस्कृति और पहचान- भूत से वर्तमान तक
10. भारत में जल की गुणवत्ता नीति और प्रबन्धन
11. भारत में जल की अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जल विवाद
12. भारत में 2020 के लिये जल नीति और एक्शन प्लान
13. भारत की जल समस्या - कारण और बचाव
14. भारतीय सभ्यताओं के विकास में जल की भूमिका
15. लिंग, जल और स्वच्छता
16. डिब्बाबन्द पानी - सामाजिक परिप्रेक्ष्य को समझने की कोशिश
17. जल माइक्रो बायोलॉजी
18. जल और हिमालय
19. जल गुणवत्ता और शुद्धता का मानक
20. भारत में जल आपूर्ति और स्वच्छता
21. भारत में जल का अधिकार
22. जल और मृदा संरक्षण की पारम्परिक तकनीकी
सम्पर्क
डॉ. आर.एल. शर्मा - 09418455488
डॉ. अनिल कुमार ठाकुर - 09418450063
डॉ. श्वेता नन्दा - 09717779315
डॉ. मनीष कुमार सी. मिश्रा - 08090100900/08080923132
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