Saturday 9 April 2011

love

''एक पुल पर शहर के वो दोनों पुराने प्रेमी मिले,
दोनों ने एक-दूसरे से कहा कि
 वे दोनों एक दूसरे से प्रेम करते हैं .
 फिर दोनों ने पुल से नदी  में छलांग लगा दी.
 लाश जब बरामत हुई,पोस्ट मार्टम हुआ.
     लड़का नामर्द था, लड़की गर्भवती .''

मित्रों यह कविता नहीं है, बस एक प्रसंग है जिसकी व्याख्या आप अपने तरीके से क़र सकते हैं .
 जैसे क़ि
१- इन दोनों में से किसी को किसी से प्यार नहीं है.
 २-इन दोनों में लड़के का प्रेम अधिक है.
 ३- कामुकता को प्रेम का आधार नहीं माना जा सकता .
आदि

Friday 8 April 2011

एक शमा को फिर देखा

अभिलाषा -५०२

एक शमा को फिर देखा
परवाने की नज़रों से.
फिर से जलजाना है किस्मत,
और न दूजी राह प्रिये.   

Wednesday 6 April 2011

ये हिन्दुस्तान की रवायत है यारों,

तेरी यादों की चादर तान कर सोते हैं,
बेवफा तुझे मानकर रोते हैं.

मोहबत्त के अंजाम से वाकिफ थे हम, 
मोल खतरे कुछ जानकर लेते हैं. 

 ये हिन्दुस्तान की रवायत है यारों, 
हम दुश्मन को भी माफ़ कर देते हैं.
     

Monday 4 April 2011

अभिलाषा ५०१ :-

अभिलाषा  ५०१ :-

 जब -जब चिकनी राह मिली  ,
 तब-तब मैं तो गया फिसल.
 तुझ से मिलना जब से हुआ,
 हुआ प्यार तो तभी प्रिये.